दुनिया के ऐशो आराम और चकाचौंध छोड़कर आध्यात्म और वैराग्य की राह थामते आपने कम ही लोगों को देखा होगा, लेकिन हरियाणा की रहने वाली सिमरन ने ऐसा करके सभी हैरानी में डाल दिया है। 22 साल की सिमरन ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में वैराग्य लेते हुए साध्वी गौतमी बन गईं, जिसके साथ ही उन्होंने ऐशो आराम की दुनिया को छोड़ दी और आध्यात्म की राह पकड़ ली।
कहा जाता है कि वैराग्य की राह पर चलना आसान नहीं होता है। यहां साध्वी बनने से पहले सिमरन जैन ने कुछ अलग ही कर दिखाया है। सिमरन ने हाथों पर मेंहदी रचाई, अंतिम बार पूरा दिन अपने परिजनों के साथ बिताया और अपना मनपसंद खाना खाया, फिर सबके सामने अपने बाल त्याग दिए। सिमरन ने दुल्हन की तरह पूरा श्रृंगार किया और फिर बौद्ध धर्म अपनाते हुए साध्वी बन गईं।
मध्यप्रदेश के इंदौर में बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स में बीते सोमवार को 22 साल की मुमुक्षु सिमरन जैन अब साध्वी गौतमी श्रीजी मसा बन गई हैं। श्री वर्धमान श्वेतांबर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ट्रस्ट के तत्वावधान में सुबह करीब 8.30 बजे महावीर भवन से वर्षी दान वरघोड़ा निकला, जिसमें मुमुक्षु सिमरन बग्घी पर सवार हो सांसारिक वस्तुएं लुटाते हुए चलीं।
वरघोड़ा में दुल्हन की तरह सजीं और बेहद खूबसूरत लग रहीं सिमरन ने दीक्षा लेने से पहले सभी गहने-कपड़े और दूसरी चीजें अपनी मां को दे दिए। उन्होंने सफेद वस्त्र धारण किए। उन्होंने सबके सामने अपने बाल भी त्याग दिए। इसके पहले रविवार को सिमरन ने हाथों पर मेहंदी रचाई और परिवार के साथ वक्त बिताया था। उन्होंने इच्छानुसार अंतिम बार मनपसंद खाना भी खाया था।
दीक्षा लेने के बाद साध्वी गौतमी श्रीजी मसा बनीं सिमरन जैन ने कहा कि मैं जानती हूं कि वैराग्य की राह काफी मुश्किल है। मैं देशभर के कई खूबसूरत जगहों पर घूम चुकी हूं लेकिन कहीं सुकून नहीं मिला। अब मैं गुरुजनों के सानिध्य में आई हूं तो शांति का अहसास हुआ है।
सिमरन बताती हैं कि मुझे चकाचौंध भरी जिंदगी रास नहीं आई। यहां जरूरत से ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं, जो ठीक नहीं है। हमारे संत कम से कम संसाधन में जीवन बिताते हैं। अधिक पाने के बजाय आत्मा का परमात्मा से जोड़ना ही असली सुख है। मुझे साध्वी डॉ. मुक्ताश्रीजी से संयम की प्रेरणा मिली।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिमरन जैन ने कम्प्यूटर साइंस से ग्रेजुएशन किया है। घर पर माता-पिता, बहन और दो भाई भी हैं। बहन मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि सिमरन जैन को साध्वी बनने के लिए परिवार का पूरा सहयोग मिला है।
सिमरन जैन के पिता अशोक गौड़ का कहना है कि हमारी तरफ से बेटियों को इच्छानुसार जीवन जीने की अनुमति है। हमने सोचा था कि पढ़ने-लिखने के बाद वह करियर बनाएंगी या फिर शादी करेंगी, लेकिन सिमरन की इच्छा दीक्षा लेने की ही थी।
बता दें कि मुमुक्षु सिमरन जैन ने दीक्षा लेने से पहले प्री-दीक्षा वीडियो शूट कराया था। ये वीडियो 2 जनवरी को अपलोड किया गया था। इसे अब तक करीब 17 हजार लोग देख चुके हैं। वीडियो में सिमरन लाल, सफेद और अन्य तरह की ड्रेसेज पहनी नजर आ रही हैं। वह कभी अकेले तो कभी दो लड़कियों के साथ डांस करती दिखती हैं।
वीडियो में ‘लवरात्रि’ मूवी के चोगाड़ा तारा गाने पर बनाए गए पैरोडी गाने पर थिरकती नजर आती हैं। इस गाने के बोल हैं ‘मिली गई आज्ञा मम्मी-पापा की दीक्षा महोत्सव छे…, वैराग्य जागा-संयम का धागा…।’