अक्सर प्लास्टिक के पेड़-पौधों की बनावट ऐसी होती है कि असली और नकली में पहचान करना मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही कुछ इस महिला के साथ हुआ। महिला जिस पौधे को पिछले दो साल से पानी दे रही थी वह असल में प्लास्टिक का पौधा था। वह दो सालों से लगातार पौधे के सभी पत्तों को सफाई करती थी उसे नियमित तौर पर सूरज की रोशनी में रखती थी, इस उम्मीद में की एक दिन यह पौधा बढ़ा होगा और इसमें फूल आयेंगे।

कैसे पता चला?
महिला को इस बात का पता तब लगा जब उसने गमले की मिट्टी बदली। लेकिन जैसे ही उसने पौधे के नीचे से मिट्टी हटानी चाही तो उसे पता चला कि पौधे वास्तव में फोम से चिपका हुआ है और उसके उपर नकली मिट्टी को डेकोरेशन के लिए ग्लू से चिपकाया हुआ है। उसने बताया कि मैंने इसके लिए काफी मेहनत की और यह पूरी तरह से प्लास्टिक निकला। मुझे कैसे नहीं इस बारे में पता चला मुझे लगता है कि पिछले दो साल मैं एक झूठ के साथ जी रही थी। महिला ने फेसबुक पर इस बात की जानकारी दी। फेसबुक पर उसने सारी कहानी बताई और साथ में उस पौधे की भी फोटो पोस्ट की।
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