इटली के प्रधानमंत्री गिउसेपे कोंटे मंगलवार को एक दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचेंगे. इस दौरान वह भारत-इटली प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन में भाग लेने के अलावा अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ व्यापार और निवेश जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना पर चर्चा करेंगे. ‘भारत-इटली प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन’ के 24 वें संस्करण का मुख्य आकर्षण इतालवी प्रधान मंत्री की भागीदारी होगी. इसका आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ मिलकर ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग’ (डीएसटी) कर रहा है.
शिखर सम्मेलन स्वास्थ्य, एयरोस्पेस, शिक्षा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों पर केंद्रित होगा. पिछले वित्त वर्ष में देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2017-18 में 10.5 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया जो पिछले वित्त वर्ष में 8.8 अरब अमेरिकी डॉलर था.
भारत के साथ कई क्षेत्रों में सहयोग की व्यापक संभावनाएं: इटली
भारत और इटली के बीच कारोबार और निवेश बढ़ाने के लिए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी), वैमानिकी, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, बुनियादी ढांचा, परिवहन जैसे क्षेत्रों में काफी अधिक संभावनाएं मौजूद हैं. इटली के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह कहा. इटली के आर्थिक मामलों के उप-मंत्री माइकल गेरासी ने कहा कि उनकी सरकार लाल फीताशाही को खत्म करने, वित्तीय लाभ में वृद्धि और कानूनी विवादों के निपटारे की प्रक्रिया को तेज करके अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए एक कार्यक्रम को अंतिम रूप दे रही है.
गेरासी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक ईमेल साक्षात्कार में कहा, “इटली और भारत के बीच आईसीटी से लेकर एयरोस्पेस, स्वास्थ्य सेवा से लेकर कृषि उत्पाद और खाद्य प्रसंस्करण एवं परिवहन से ऊर्जा और हरित अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में सहयोग की बहुत अधिक संभावनाएं हैं. ”
उन्होंने कहा कि ये सभी क्षेत्र दोनों देशों के बीच भविष्य के द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के मुख्य स्तंभ बनेंगे. इटली के मंत्री ने कहा कि भारत के सूचना-प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़े इंजीनियर दुनिया के सबसे कुशल इंजीनियरों में शामिल हैं और वे इटली में डिजिटल क्रांति में सहायक सिद्ध हो सकते हैं.