इंग्लैंड की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा है कि अगर उनके बाहर जाने से टीम के अगले साल होने वाले विश्व कप में जीत की संभावनाएं प्रबल होती हैं तो वह अपने आप को टीम से बाहर करने को तैयार हैं। इंग्लैंड का 2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में खेले गए विश्व कप में प्रदर्शन निराशाजनक रहा था, लेकिन इसके बाद मोर्गन ने टीम में एक नई जान फूंकी है और वो उसे सकरात्मक रास्ते पर ले कर आए हैं और अब इंग्लैंड की टीम एक ऐसी टीम बन गई है जिसे विश्व कप का दावेदार माना जा रहा है। मोर्गन ने इससे पहले भी अपने आप को टेस्ट क्रिकेट से यह कहते हुए बाहर किया था कि वह युवाओं को मौका देना चाहते हैं। मोर्गन ने कहा, 'यह मुश्किल फैसला है, लेकिन हम इस टीम के साथ काफी आगे आए हैं। टीम में जो काबिलियत है उसे देखकर हम अगले विश्व कप या उसके बाद वाले विश्व कप के लिए अपनी टीम को सर्वश्रेष्ठ स्थिति में रखना होगा।' –– ADVERTISEMENT –– उन्होंने कहा, 'अगर इस रास्ते में लगता है कि मैं टीम में एक कप्तान और एक खिलाड़ी दोनों के तौर पर उपयोगी नहीं हूं तो मैं ईमानदारी से कहूं तो मुझे टीम में नहीं होना चाहिए। मैं ऐसा कहने वाला पहला खिलाड़ी हूं। अगर यह मुश्किल फैसले लेने की बात है तो मैं इसके लिए समर्थ हूं।' वीरेंद्र सहवाग ने शाहिद अफरीदी को पाकिस्तान का सचिन तेंदुलकर बताया यह भी पढ़ें बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, 'अतीत में भी मैंने युवाओं को मौका देने के लिए अपने आप को टीम से बाहर कर लिया था। जब आप एक कप्तान के तौर पर अपने आप को बाहर करते हो तो यह एक उदाहरण पेश करता है कि टीम में किसी की भी जगह पक्की नहीं है।' मोर्गन ने कहा, 'हम 16-17 खिलाड़ियों की एक टीम बनाना चाहते हैं जो विश्व कप जीत सके। यह हमारा लक्ष्य है। यह किसी व्यक्ति विशेष की बात नहीं है कि किसी एक को रन करने हैं या किसी एक को विकेट लेने हैं। यह टीम का संयुक्त प्रयास है जिस पर सभी को चलना होगा।'

इंग्लैंड के कप्तान मोर्गन ने दिया बड़ा बयान, बोले विश्व कप के लिए कर सकता हूं कुछ खाश

इंग्लैंड की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा है कि अगर उनके बाहर जाने से टीम के अगले साल होने वाले विश्व कप में जीत की संभावनाएं प्रबल होती हैं तो वह अपने आप को टीम से बाहर करने को तैयार हैं।इंग्लैंड की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा है कि अगर उनके बाहर जाने से टीम के अगले साल होने वाले विश्व कप में जीत की संभावनाएं प्रबल होती हैं तो वह अपने आप को टीम से बाहर करने को तैयार हैं।  इंग्लैंड का 2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में खेले गए विश्व कप में प्रदर्शन निराशाजनक रहा था, लेकिन इसके बाद मोर्गन ने टीम में एक नई जान फूंकी है और वो उसे सकरात्मक रास्ते पर ले कर आए हैं और अब इंग्लैंड की टीम एक ऐसी टीम बन गई है जिसे विश्व कप का दावेदार माना जा रहा है।  मोर्गन ने इससे पहले भी अपने आप को टेस्ट क्रिकेट से यह कहते हुए बाहर किया था कि वह युवाओं को मौका देना चाहते हैं। मोर्गन ने कहा, 'यह मुश्किल फैसला है, लेकिन हम इस टीम के साथ काफी आगे आए हैं। टीम में जो काबिलियत है उसे देखकर हम अगले विश्व कप या उसके बाद वाले विश्व कप के लिए अपनी टीम को सर्वश्रेष्ठ स्थिति में रखना होगा।'  –– ADVERTISEMENT ––    उन्होंने कहा, 'अगर इस रास्ते में लगता है कि मैं टीम में एक कप्तान और एक खिलाड़ी दोनों के तौर पर उपयोगी नहीं हूं तो मैं ईमानदारी से कहूं तो मुझे टीम में नहीं होना चाहिए। मैं ऐसा कहने वाला पहला खिलाड़ी हूं। अगर यह मुश्किल फैसले लेने की बात है तो मैं इसके लिए समर्थ हूं।'   वीरेंद्र सहवाग ने शाहिद अफरीदी को पाकिस्तान का सचिन तेंदुलकर बताया यह भी पढ़ें बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, 'अतीत में भी मैंने युवाओं को मौका देने के लिए अपने आप को टीम से बाहर कर लिया था। जब आप एक कप्तान के तौर पर अपने आप को बाहर करते हो तो यह एक उदाहरण पेश करता है कि टीम में किसी की भी जगह पक्की नहीं है।'  मोर्गन ने कहा, 'हम 16-17 खिलाड़ियों की एक टीम बनाना चाहते हैं जो विश्व कप जीत सके। यह हमारा लक्ष्य है। यह किसी व्यक्ति विशेष की बात नहीं है कि किसी एक को रन करने हैं या किसी एक को विकेट लेने हैं। यह टीम का संयुक्त प्रयास है जिस पर सभी को चलना होगा।'

इंग्लैंड का 2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में खेले गए विश्व कप में प्रदर्शन निराशाजनक रहा था, लेकिन इसके बाद मोर्गन ने टीम में एक नई जान फूंकी है और वो उसे सकरात्मक रास्ते पर ले कर आए हैं और अब इंग्लैंड की टीम एक ऐसी टीम बन गई है जिसे विश्व कप का दावेदार माना जा रहा है।

मोर्गन ने इससे पहले भी अपने आप को टेस्ट क्रिकेट से यह कहते हुए बाहर किया था कि वह युवाओं को मौका देना चाहते हैं। मोर्गन ने कहा, ‘यह मुश्किल फैसला है, लेकिन हम इस टीम के साथ काफी आगे आए हैं। टीम में जो काबिलियत है उसे देखकर हम अगले विश्व कप या उसके बाद वाले विश्व कप के लिए अपनी टीम को सर्वश्रेष्ठ स्थिति में रखना होगा।’

उन्होंने कहा, ‘अगर इस रास्ते में लगता है कि मैं टीम में एक कप्तान और एक खिलाड़ी दोनों के तौर पर उपयोगी नहीं हूं तो मैं ईमानदारी से कहूं तो मुझे टीम में नहीं होना चाहिए। मैं ऐसा कहने वाला पहला खिलाड़ी हूं। अगर यह मुश्किल फैसले लेने की बात है तो मैं इसके लिए समर्थ हूं।’

बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘अतीत में भी मैंने युवाओं को मौका देने के लिए अपने आप को टीम से बाहर कर लिया था। जब आप एक कप्तान के तौर पर अपने आप को बाहर करते हो तो यह एक उदाहरण पेश करता है कि टीम में किसी की भी जगह पक्की नहीं है।’

मोर्गन ने कहा, ‘हम 16-17 खिलाड़ियों की एक टीम बनाना चाहते हैं जो विश्व कप जीत सके। यह हमारा लक्ष्य है। यह किसी व्यक्ति विशेष की बात नहीं है कि किसी एक को रन करने हैं या किसी एक को विकेट लेने हैं। यह टीम का संयुक्त प्रयास है जिस पर सभी को चलना होगा।’

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