आषाढ़ गुप्त नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा का विधान है। यह पावन समय तंत्र विद्या और कुछ विशेष पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है। अगर आप मां दुर्गा की खास पूजा करना चाहते हैं तो आपको इस दौरान उनकी पूजा अवश्य करनी चाहिए। इसके साथ ही इस कठिन व्रत का पालन करना चाहिए।
आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्र बेहद शुभ मानी जाती है। इस साल इसकी शुरुआत 6 जुलाई से हुई है। 9 दिनों तक चलने वाला यह दिव्य पर्व मां दुर्गा की आराधना के लिए खास होता है।
इस दौरान मां की अलग-अलग तरह से पूजा होती है। साथ ही यह तंत्र पूजा के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा कहा जाता है जो साधक इस पावन समय (Gupt Navratri 2024) में मां की भक्ति के साथ पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर इस समय अविवाहित स्त्री व पुरुष शादी के लिए कुछ टोटके आजमाएं, तो उनकी जल्द विवाह की कामना पूर्ण होती है।
अविवाहित कन्याओं के लिए
आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्र में जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो रहा है, उन्हें सुबह पानी में हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद आसन बिछाकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके देसी घी का दीपक जलाएं। फिर माता कात्यानी के इस ”महामाये महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।” मंत्र का भाव के साथ जाप करें। इससे विवाह की सभी मुश्किलें दूर होंगी। साथ ही मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होगा।
अविवाहित पुरुष के लिए
ज्योतिषी शास्त्र के अनुसार, गुप्त नवरात्र के दौरान जिन पुरुषों का विवाह नहीं हो रहा है, उन्हें मां की विधि अनुसार पूजा करनी चाहिए। साथ ही देवी के इस ”पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्। तारिणींदुर्गसं सारसागरस्य कुलोद्भवाम्” मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। इससे सुयोग्य वधु की प्राप्ति होगी। साथ ही शादी से जुड़ी सभी समस्याएं दूर होंगी।