आय से अधिक संपत्ति से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह एंड फैमली के खिलाफ आरोप तय करने पर मंगलवार को बहस होगी. दरअसल, पिछली सुनवाई में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोप तय करने पर बहस की तारीख 9 और 10 अप्रैल के लिए तय की थी. इससे पहले इस केस में वीरभद्र एंड फैमली को जमानत मिल गई थी. कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए वीरभद्र सिंह और अन्य को आरोपी के तौर पर समन जारी किया था. 
आपको बता दें कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में सप्लीमेंट्री चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी, जिसमें वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को आरोपी बताया गया था. इससे पहले ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट में वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह का नाम है.
ईडी की ओर से दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट में शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य के अलावा तरानी इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशक चंद्र शेखर और राम प्रकाश भाटिया को भी आरोपित बनाया गया था. ये दोनों वीरभद्र सिंह के साथ सीबीआई के केस में भी आरोपी हैं. इस मामले में वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, यूनिवर्सल एप्पल एसोसिएशन के मालिक चुन्नी लाल चौहान, जीवन बीमा निगम (एलआइसी) के एजेंट आनंद चौहान समेत दो अन्य प्रेम राज और लवण कुमार रोच के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल किया जा चुका है.
उधर, आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई ने वीरभद्र सिंह, प्रतिभा सिंह और आनंद चौहान समेत अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. चार्जशीट में कहा गया था कि केंद्रीय मंत्री रहते हुए वीरभद्र सिंह ने गैरकानूनी तरीके से 10 करोड़ की संपत्ति बनाई, जो उनकी आय से अधिक है. इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने छह अप्रैल 2016 को हाई कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था और सीबीआइ को वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया था. सीबीआइ द्वारा दर्ज किए गए मुकदमे का संज्ञान लेते हुए ईडी ने भी मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
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