दिल्ली की सत्ता की चाबी फिर से अरविंद केजरीवाल के हाथों में जाती दिख रही है। कांग्रेस की दिवंगत नेता शीला दीक्षित की तरह वह भी लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनकर हैट्रिक लगाने के करीब पहुंच चुके हैं।
साल 2013 में पार्टी गठन के बाद अचानक से अरविंद केजरीवाल दिल्ली के राजनीतिक आसमां पर सितारे की तरह चमकने लगे हैं। पहली बार बहुमत नहीं मिला तो दिल्ली की जनता ने दूसरी बार दिल खोलकर आम आदमी पार्टी को वोट दिए और 70 में से 67 सीटें उसकी झोली में डाल दी। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड था। इस बार भी उसके कदम पूर्ण बहुमत की ओर बढ़ रहे हैं।
उनसे पहले सिर्फ शीला दीक्षित ही ऐसी नेता रहीं हैं, जो लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री रहीं। वह रिकॉर्ड 15 साल तक दिल्ली की सीएम रहीं। 1998 में भाजपा को हराकर शीला ने कमान संभाली और 2013 तक शसन किया। केजरीवाल ने ही उनके लंबे शासनकाल का अंत किया।
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में ‘आप’ की संभावित जीत इसलिए भी खास है क्योंकि शीला दीक्षित के बाद वह एक एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो पांच साल तक सरकार चलाने के बाद फिर से सीएम की कुर्सी पर बैठने जा रहे हैं।
हालांकि दिल्ली के इतिहास की बात करें, तो कई रिकॉर्ड बनाने वाले केजरीवाल के नाम एक और अनूठा रिकॉर्ड है।