भविष्य को आर्थिक तौर पर सुरक्षित रखने के लिए हर किसी को निवेश करना चाहिए। वहीं कुछ निवेश में होने वाले मुनाफे पर भी टैक्स लगाया जाता है। ऐसे टैक्स को कैपिटल गेन टैक्स कहते हैं, जो कि किसी निवेश पर ब्याज के तौर पर या मुनाफे के तौर पर मिलता है। जैसे कि किसी व्यक्ति ने प्रॉपर्टी, सोना या शेयर में निवेश किया है तो ऐसे में उससे मिलने वाले मुनाफे पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।
कैपिटल गेन टैक्स दो भागों में बांटा गया है। पहला शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स और दूसरा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स:
शेयर या किसी म्युचुअल फंड में लगाया पैसा एक साल से पहले ही निकालने पर 15 फीसद टैक्स लगेगा। यह टैक्स सभी टैक्स स्लैब वालों पर लगता है। यह टैक्स 0 से 30 फीसद टैक्स स्लैब वालों पर बराबर ही लगता है। ऐसे में शेयर या म्युचुअल फंड से हुए मुनाफे का 15 फीसद टैक्स चुकाना होगा।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स:
2018 से पहले आपने 1 साल तक कुछ नहीं बेचा तो कुछ भी टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन 2018 के बाद इसमें बदलाव हुए और पहले साल 1 लाख रुपये तक मुनाफे पर टैक्स नहीं है, वहीं मुनाफा 1 लाख से अधिक होने पर 10 फीसद टैक्स लगेगा। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में घर, प्रॉपर्टी, बैंक एफडी, ज्वेलरी, बॉन्ड, एनपीएस और कार आदि से हुए मुनाफे पर कैपिटल गेन टैक्स लगता था, लेकिन अब इसमें स्टॉक मार्केट भी शामिल हो गया है।
किसी भी चल या अचल संपत्ति पर मिलने वाले लॉन्ग टर्म मुनाफे पर लगने वाले टैक्स को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स कहते हैं। 2018 से यह टैक्स स्टॉक मार्केट पर लगाया गया है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की कैलकुलेशन अलग-अलग सेगमेंट के हिसाब से अलग-अलग होती है।