योग से आपको निरोगी रहने में सहायता मिलती है. लेकिन योग हर किसी से नहीं होता और उसे करते समय मन में कई तरह के विचार आते हैं. योग का अभ्यास करते समय आपको एक शांत जगह की जरूरत होती है ताकि आप अपना पूरा ध्यान योग में लगा पाएं. योगा करते वक्त लोगों के दिमाग में अनेकों विचार आते रहते हैं और यह सोच कई बार उनके अभ्यास को प्रभावित करते हैं. आज हम इसी के बारे में बताते हैं. कई लोग योग का अभ्यास करते वक्त अपने दिमाग में अनेकों सवाल लाते हैं जो ना सिर्फ उनके दिमाग को प्रभावित करती है बल्कि उनकी मुद्रा को भी बिगाड़ देती है.
हर किसी को मुद्राओं की जानकारी कैसे है:
योग की शुरूआत करने वाले लोगों के दिमाग में अक्सर यह ख्याल आता है कि यहां मौजूद हर किसी को हर मुद्रा के बारे में कैसे पता होता है. क्या उनको भी योग का अभ्यास करने में आनंद आ रहा है?
क्या मैं ही संघर्ष कर रहा हूं:
कई बार योग के दौरान ऐसा महसूस होता है कि जितनी मेहनत मुझे लग रही है क्या उतनी ही मेहनत हर किसी को लगती है. क्या योग का अभ्यास करते वक्त इतनी ही संघर्ष की जरूरत पड़ती है.
इस मुद्रा को कितने देर करना है:
किसी भी मुद्रा को करने से पहले लोगों को उसके सही समय का पता होना चाहिए वरना सारे वक्त दिमाग में यही ख्याल आता रहता है कि कौन सी मुद्रा को कितने समय तक करना है और किस प्रकार करना है.
योग का अभ्यास जरूरी है या मेडिटेशन:
कई बार ऐसा भी होता है कि योग का अभ्यास करते वक्त लोगों को ऐसा लगता है कि क्या योग ज्यादा जरूरी होता है या मेडिटेशन. इस सोच की वजह से लोगों का ध्यान भटक जाता है.
योग से क्या फायदें होगें:
योग के अनेकों फायदें होते हैं और हर एक समस्या के लिए अलग-अलग योग होते हैं. इसलिए इस बात को ख्याल रखते हुए आपको योग का अभ्यास करना शुरू करना चाहिए ताकि आपके दिमाग किसी प्रकार का विचार ना आए.