हमारे शरीर में लगभग दो हजार ऐसे बिंदु होते हैं जिन्हें एक्यूप्वाइंट कहा जाता है। मांसपशियों, हजारों नसें, रक्त धमनियों, स्नायु और हड्डियां मिलकर इस मानव रूपी शरीर की मशीन को चला रही हैं। अत: इसी शरीर के कुछ एक्यूप्वांइट हैं जिनपर दबाव डालने से उससे जुड़ा पूरा भाग प्रभावित होता है।
ये एक्युप्वाइंट हमारी हथेली, पैरों के तलवों, अंगुलियों, कोहनी और घुटनों पर स्थित हैं। इन पर दबाव डालने से शरीर के अवरुद्ध हुए इन हिस्सों को फिर से सक्रिय किया जाता है। ये एक बिना दवा के इलाज करने वाली सरल चिकित्सा पद्धति है जिससे किसी प्रकार की हानि की भी संभावना नही होती। इसे कोई भी थोड़ी सी जानकारी के साथ कर सकता है।
– अपना वजन कम करना चाहते हैं तो अनामिका अंगुली के ऊपरी हिस्से को अंगूठे से दबाकर कम से कम 5 मिनट तक एक्यूप्रेशर करे। ऐसा दिन में दो या तीन बार करें। प्रतिदिन ऐसा करने से शरीर का वजन संतुलित रहेगा।
– भीड़ में अगर आपको अचानक घबराहट महसूस होने लगे और सांस लेने में कठिनाई हो तो अंगुली या अंगूठे से नाक की नोंक को हल्का सा प्रेशर दें, ऐसा करने से आपको अतिरिक्त ऑक्सीजन प्राप्त होगी और आप पहले से बेहतर महसूस करेंगे।
-भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण कमर दर्द, जोड़ों का दर्द और सरवाईकल स्पोंडलाईटिस से परेशान हैं तो एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्घति आपके लिये वरदान साबित हो सकती है। इस तकनीक में माइक्रो एक्यूप्रेशर उपकरणों द्वारा रोगी को लाभ पहुंचाया जाता है। इस पद्धति में माइक्रो उपकरणों द्वारा विभिन्न तरंगे डिस्क पर डाली जाती हैं।
– जिससे वह एक्टिव ऑक्सीजनयुक्त ऊर्जा कणों में हलचल उत्पन्न करता है। जो डिस्क में न्यूक्लियस के प्रोटोग्लीकेस बोड्स को जोड़ देती है। इस उपचार के बाद नसों का दबाव हट जाता है।
– डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिये पैर के निचले हिस्से के अंदरूनी भाग, पिंडली की हड्यिों और टखने की हड्यिों के ऊपर की चार अंगुलियों के पीछे की तरफ के प्वाइंट को हल्के हाथ से दबाव बनाते हुए घेरा बनाकर क्लॉकवाइज हर रोज 3 मिनट तक दोनों पैरों में घुमाइए। इससे शुगर का स्तर नियंत्रित रहेगा।