भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर आज अपना 69वां जन्मदिन मना रहे हैं. उनका जन्म 10 जुलाई 1949 को मुंबई में हुआ था. टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 10,000 रन का जादुई आंकड़ा छूने वाले गावस्कर के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता.
‘लिटिल मास्टर’ के नाम से मशहूर गावस्कर ने 125 टेस्ट मैच की 214 पारियों में 51.12 की औसत से 10122 रन बनाए. जिसमें उनके 34 शतक और 45 अर्धशतक शामिल थे. इसके अलावा 108 वनडे मुकाबलों में 35.13 की औसत से 3092 रन बनाए जिसमें उनका एक शतक और 27 अर्धशतक शामिल रहे.
बचपन में सुनील गावस्कर के साथ अस्पताल में एक ऐसी घटना हुई, जो उनकी पूरी जिंदगी बदल सकती थी और शायद वह क्रिकेटर भी नहीं बन पाते. गावस्कर के क्रिकेट करियर से जुड़े बहुत से किस्से हैं, लेकिन उनकी जिंदगी से जुड़ा एक ऐसा किस्सा है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.
दरअसल, गावस्कर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘Sunny Days’ में बताया है कि ‘मैं कभी क्रिकेटर नहीं बना होता और न ही यह किताब लिखी गई होती अगर मेरी जिंदगी में तेज नजरों वाले नारायण मासुरकर नहीं होते.’
गावस्कर ने बताया ‘जब मेरा जन्म हुआ तब मेरे चाचा जिन्हें मैं नन-काका कहकर बुलाते था. वो मेरे जन्म के बाद अस्पताल में मुझे देखने आए थे और उन्होंने मेरे कान पर एक बर्थमार्क देखा था.’
गावस्कर ने बताया, ‘अगले दिन चाचा फिर मिलने अस्पताल आए और उन्होंने बच्चे को गोद में उठाया, लेकिन उन्हें बच्चे के कान पर वो निशान नहीं मिला. इसके बाद पूरे अस्पताल में नए जन्मे बच्चों को चेक किया गया. जिसके बाद मैं उन्हें मछुआरे की पत्नी के पास सोते हुए मिला.’
बता दें कि गावस्कर ने अपना पहला टेस्ट मैच दुनिया की सबसे मजबूत टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ 1971 में खेला था. उन्होंने उस मुकाबले में बिना किसी चौके और छक्के की मदद से 65 रन बनाए थे. यह वो दौर था जब वेस्टइंडीज दुनिया की सबसे मजबूत टीम हुआ करती थी. वेस्टइंडीज के पास बेहद ही खौफनाक तेज गेंदबाज थे. सुनील गावस्कर तीन बार किसी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जमाने वाले पहले क्रिकेटर थे.
1971 से 1983 तक दोहरा शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी महज 21 साल 277 दिन की उम्र में वेस्टंडीज घातक गेंदबाजों के खिलाफ उन्हीं की जमीन पर 220 रनों की पारी खेली थी. गावस्कर ने इसी टेस्ट की पहली पारी में भी शतक जमाया था.
वेस्टइंडीज के जिन लंबे कद वाले तेजतर्रार बॉलर्स के आगे लोग हेलमेट पहनकर भी खेलने से घबराते थे, उन्हें सुनील गावस्कर ने बिना हेलमेट के खेलकर लोगों को हैरान कर दिया था.