गजब है ये पान, बीमारियों के साथ मुंह की दुर्गंध दूर करने में होता है सहायक, अब कम हो रहा चलन, सेक्स पावर भी बढ़ाता है यह पान प्राचीन भारतीय समाज में पान खाना एक रिवाज की तरह था। राजा-महाराजा इसे शौकिया तौर पार खाते थे। वहीं अतिथि सत्कार के लिए भी पान का उपयोग किया जाता था। सुहागरात को पति-पत्नी को पान खाने के लिए दिया जाता है। यह पान क्यों दिया जाता है? इसके बारे में कई तथ्य है 
शादी में इसलिए होता है उपयोग
पहली मिलन की रात हर किसी के लिए खास होती है। इसे यादगार बनाने के लिए पान का उपयोग किया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पान में ऐसे तत्व होते हैं, जो काम उत्तेजना बढ़ाते हैं। इसलिए इसका उपयोग सुहागरात के दिन किया जाता है। अंतरंग पलों को खुशनुमा बनाने के लिए पान का उपयोग किया जाता है।
मुंह की दुर्गंध ने निजात
विशेषज्ञों का कहना है कि पान के पत्तों में पाए जाने वाले तत्व बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करते हैं। जिनके मुंह से दुर्गंध आती है उनके लिए पान का सेवन लाभदायक होता है। पान खाने से मुंह की दुर्गंध से मुक्ति मिलती है। पान खान से लार में एस्कॉर्बिक एसिड का स्तर समान्य रहता है। जिससे दुर्गंध नहीं आती है। पान को माउथ फ्रेशनर के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
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पाचन के साथ रखे निरोग
पान के पत्तों को माउथ फ्रेशनर के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके चबाना सेहत के लिए फायदेमंद है। इसे चबाने से लार ग्रंथि पर असर होता है। चबाने से सलाइव लार बनने में मदद मिलती है, जो पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है। इसके उपयोग से गैस प्राब्लम, अल्सर जैसी बीमारियां दूर होती हैं।
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