राफेल डील पर केंद्र की सत्तासीन मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए डील को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए प्रमुख न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने कहा कि हम इससे सन्तुष्ट हैं कि प्रक्रिया में कोई विशेष कमी नहीं रही है. भारत को विमान की ज़रूरत है, विमान की क्षमता पर शक नहीं है. आपको बता दें भारत सरकार ने साल 2016 में 36 लड़कू विमान की खरीद के लिए फ्रांस से करार किया था. इस डील के होने के बाद से ही कांग्रेस इस डील पर लगातार सवाल उठा रही थी. तो विवादों के खण्डन के बीच आइए जानते हैं राफेल विमान की खूबियां.
बता दें कि राफेल के आने से भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा. राफेल की खूबी है कि वो हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमले के साथ परमाणु हमले करने में भी सक्षम हैं. ये विमान बहुत कम ऊंचाई पर उड़ान के साथ हवा से हवा में मिसाइल दाग सकता है.
डर जाएंगे पाकिस्तान और चीन
इस डील के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस का दौरा किया था और एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. फ्रांस से आने वाले 36 विमानों को दो स्क्वाड्रन में बांटा जाएगा. एक स्क्वाड्रन में 16 से 18 लड़ाकू विमान रखे जाते हैं. पहले स्क्वाड्रन को पाकिस्तान से मुकाबले के लिए अंबाला में और दूसरे को चीन से मुकाबले के लिए पश्चिम बंगाल के हाशिमपुरा में तैनात किया जाएगा.
हजारों किलो वजन उठाने में सक्षम
युद्ध हो या फिर आपदा राफेल विमान दोनों के लिए ही बेहद उपयोगी है. राफेल विमान एक बार में 26 टन यानि की 26 हजार किलोग्राम वजन को ले जाने में सक्षम है. यह विमान 36 से 60 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और यहां तक महज एक मिनट में पहुंच सकता है. भारतीय वायुसेना के पास अब तक ऐसा कोई विमान नहीं है जो एक बार फ्यूल भरने के बाद लगातार 10 घंटे की उड़ान भर सके, लेकिन राफेल के पास यह ताकत मौजूद है.