सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी बनाए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। राज्य की जगन मोहन रेड्डी सरकार ने कक्षा एक से छह तक के छात्रों के लिए अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा अनिवार्य करने का फैसला लिया था। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने 15 अप्रैल को राज्य सरकार के फैसले को रद कर दिया था। शीर्ष कोर्ट तीन सप्ताह बाद इस मुद्दे पर सुनवाई करेगा।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस केएम जोसफ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने अधिनियम की धारा 29(दो)(एफ) का उल्लेख किया और कहा कि माध्यम मातृ भाषा होनी चाहिए। अभी तक यही अमल में है। नहीं तो शिक्षा संभव नहीं रह जाएगी।
आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथन ने कहा कि सरकार का फैसला प्रगतिशील कदम है। अधिकांश माता-पिता बच्चे को अंग्रेजी मध्यम में शिक्षा दिलाना चाहते हैं। वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक का विरोध किया।