पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली सात दिनों से एम्स के आइसीयू में भर्ती हैं, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। हालांकि एम्स ने उनके स्वास्थ्य को लेकर कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एम्स में अरुण जेटली से मिलने पहुंचे हैं। उन्होंने अरुण जेटली से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
एक दिन पहले उनका वेंटिलेटर हटाकर एक प्रोसिजर किया गया था लेकिन गुरुवार को उनकी तबीयत दोबारा बिगड़ गई। डॉक्टर इसका कारण फेफड़े में बार-बार पानी जमा होना बता रहे हैं। डॉक्टर कहते हैं कि उन्हें सॉफ्ट टिश्यू सारकोमा है। इस वजह से दिक्कत हो रही है।
पिछले शुक्रवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन एम्स पहुंचे थे और अरुण जेटली का हाल जाना। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे भी जेटली को देखने के लिए एम्स पहुंचे थे। बाद में उन्हें देखने वालों का तांता लगा रहा।
कई अहम मंत्रालय संभाल चुके हैं जेटली
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पिछली मोदी सरकार में वित्त मंत्रालय के साथ-साथ कुछ समय के लिए रक्षा मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाली थी। अटल बिहारी सरकार में भी वे केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं। बीमारी की वजह से इस बार वह मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए। बीमारी के बावजूद वह मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रमों पर करीबी नजर रखते रहे हैं। अक्सर वह प्रमुख मुद्दों पर ब्लॉग लिखकर या फिर ट्वीट कर अपनी राय जाहिर करते हैं।
मई 2018 में हुआ था किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन
ज्ञात हो कि अरुण जेटली लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। बीमारी की वजह से वे 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं हुए। अरुण जेटली का 14 मई 2018 में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में किडनी ट्रांसप्लांट का सफल ऑपरेशन किया गया। इसके बाद उन्होंने अप्रैल 2018 की शुरुआत से ही मंत्रालय आना बंद कर दिया। इस दौरान पीयूष गोयल वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालते रहे। स्वास्थ्य लाभ के बाद 23 अगस्त 2018 को उन्होंने वापस वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया।
सितंबर 2014 में बैरिएट्रिक ऑपरेशन
इससे पहले अरुण जेटली का सितंबर 2014 में बैरिएट्रिक ऑपरेशन हो चुका है। लंबे समय से मधुमेह के कारण वजन बढ़ने की समस्या के निदान के लिए यह ऑपरेशन किया गया। यह ऑपरेशन पहले मैक्स हॉस्पीटल में हुआ, लेकिन बाद में कुछ दिक्कतें आने के कारण उन्हें AIIMS स्थानांतरित किया गया था। कुछ साल पहले उनके हृदय का भी ऑपरेशन हो चुका है।