सरयू तट स्थित लक्ष्मण किला परिसर में शनिवार से नौ दिवसीय रामलीला की शुरुआत हो गई। पहले दिन फिल्मी सितारों ने शिव-पार्वती समेत संवाद का मंचन किया। कैलाश पर्वत पर भगवान शिव और माता पार्वती एक दूसरे से वार्ता कर रहे होते हैं। कैलाश पर्वत की तरह सजा मंच भव्यता का पर्याय लग रहा था। पार्वती जी शिवजी से कहती हैं आपकी महिमा तीनों लोको में प्रसिद्ध है। यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं और मुझे सच्ची दासी मानते हैं तो हे प्रभु! श्री रघुनाथ जी की नाना प्रकार की कथा कहकर मेरा अज्ञान दूर कीजिए।

पार्वती जी के आग्रह पर शिव मुदित होते हैं और कहते हैं तुम्हारे समान उपकारी कोई नहीं है। तुम राम जी का प्रसंग पूछकर सब लोको को पवित्र कर देने वाली गंगा के समान रामकथा की हेतु बनी है।
इस तरह शिव पार्वती संवाद के साथ मंच पर धीरे-धीरे रामकथा की भाव भूमि तैयार होनी शुरू हुई। वे माता पार्वती को रामजन्म का हेतु बताते हुए कहते हैं कि जब जब होई धरम कै हानि। बाढ़हिं असुर अधम अभिमानी।। तब तब प्रभु धरि विविध शरीरा। हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा…। हे पार्वती जब-जब धर्म की हानि होती है और नीच, अभिमानी असुर बढ़ जाते हैं जब कृपानिधि श्री हरि अनेक प्रकार का शरीर धारण कर भक्तों की पीड़ा रहते हैं।
एक अन्य दृश्य में नारद प्रकट होते हैं। नारद की भूमिका में बॉलीवुड के प्रख्यात हास्य कलाकार असरानी दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ते हैं। नारद मनोहारी पर्वतीय क्षेत्र में आनंदित होते हैं और कुछ ही देर में उनकी समाधि लग जाती है।
मंच पर अगला दृश्य इंद्र और कामदेव के संवाद के रूप में प्रस्तुत होता है। इंद्र कामदेव से देवर्षि नारद की समाधि भंग करने का अनुरोध करते हैं।
इससे पूर्व गणेश वंदना के साथ नौ दिवसीय वर्चुअल रामलीला की प्रस्तुति का प्रारंभ हुआ। करीब 25 मिनट तक चली गणेश वंदना में संगीत, तकनीकि और कलाकारों के कौशल का नजारा दिखा।
गणेश वंदना दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाली रही। कथा के दूसरे दिवस श्रवण के माता-पिता द्वारा राजा दशरथ को श्राप देने सहित राम जन्म की कथा का मंचन किया जाएगा।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal