नई दिल्ली: अवैध शराब से आए दिन होने वाली मौतों को रोकने के लिए यूपी सरकार आबकारी कानून में संशोधन कर दंड प्रक्रिया को और मजबूत करने जा रही है।
इस बात की तैयारी की जा रही है कि शराब पीने से अगर किसी की मौत होती है तो दोषी को उम्रकैद से लेकर मौत तक की सजा दी जा सके। साथ ही सरकार आबकारी कानून के तहत लगने वाले जुर्माने की रकम भी बढ़ाने जा रही है। इसके अलावा जो लोग अवैध शराब के धंधे में लिप्त हैं, उनके परिवारों को आर्थिक मदद देकर दूसरे कारोबार के लिए प्रेरित करने की भी योजना बनाने की तैयारी है।
अंग्रेजों के जमाने का है ऐक्ट :
यूपी के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह के मुताबिक इस आशय का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। माना जा रहा है कि 18 अप्रैल को सीएम योगी के सामने होने वाले आबकारी विभाग के प्रजेंटेशन में इस प्रस्ताव को भी पेश किया जाएगा।
आबकारी मंत्री ने बताया कि अभी अंग्रेजों द्वारा बनाए गए ऐक्ट (उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम- 1910) के तहत ही शराब की तस्करी करने से लेकर अवैध रूप से कच्ची देसी शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। तब रुपये की कीमत के हिसाब से जुर्माना तय किया गया था, जो आज के जमाने में बहुत कम है।
मौजूदा ऐक्ट में न तो कड़े दंड की व्यवस्था है और न ही अधिक आर्थिक दंड वसूलने की व्यवस्था है। यही कारण है कि शराब की तस्करी और कच्ची शराब के निर्माण में रोक नहीं लग पा रही है। यूपी में चल रहे आबकारी कानून के तहत अभी दोषियों को जहां छह माह तक ही कारावास (जेल) हो सकती है वहीं जुर्माने की राशि भी अधिकतम पांच हजार रुपये ही है।
कानून में संशोधन के प्रस्ताव :
विभागीय सूत्रों के मुताबिक एक्साइज एक्ट की जिन धाराओं में अभी दंड और दंड शुल्क का प्रावधान है, ऐसी 22 धाराओं पर विधि विभाग की देख रेख में आबकारी विभाग ने संशोधन प्रस्ताव तैयार किया है।
प्रस्ताव के अनुसार एक्ट की धारा तीन, 50 से 55, 60 से 69ए सहित 71 तक, 74 और 74ए में संशोधन के साथ ही नई धाराएं जोड़ने की कवायद चल रही है। इसी तरह गिरफ्तारी, जब्ती, सर्च वॉरंट और जमानती/ गैर जमानती धाराओं में संशोधन कर विभागीय अफसरों के अधिकारों को बढ़ाने की भी तैयारी है। शराब तस्करी के मामलों में कारावास की सजा बढ़ाकर एक वर्ष, दो वर्ष, तीन वर्ष करने का प्रस्ताव है। साथ ही अवैध शराब से किसी की मौत पर दोषी को मृत्युदंड से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया जा रहा है। जुर्माने की रकम को न्यूनतम पांच हजार करते हुए 10 हजार, 25 हजार या उससे भी अधिक किए जाने का प्रस्ताव है।
सुधार योजना पर भी विचार :
आबकारी मंत्री ने बताया कि सरकार विचार कर रही है कि जो परिवार कच्ची शराब के धंधे में लिप्त हैं, उन्हें इस धंधे से निकाल कर दूसरे उद्योगों के प्रति प्रोत्साहित किया जाए। यह भी विचार है कि इन परिवारों को विभाग नए व्यवसायों की ओर बढ़ाने और उन्हें शुरू करने के लिए आर्थिक मदद भी करें। कहा कि आबकारी विभाग से मिलने वाले राजस्व का कुछ हिस्सा इस योजना पर खर्च किए जाने का विचार है। उन्होंने बताया कि जल्द ही वह इस योजना को मुख्यमंत्री के सामने पेश करेंगे।