डोकलाम मुद्दे पर भारत और चीन के बीच तनाव है। इसके बावजूद चीन की राजधानी बीजिंग में तिरंगा फहराया गया है। बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास में तिरंगा फहराया गया है। इस दौरान भारत माता की जय के नारे भी लगे।अभी-अभी: गोरखपुर के BRD अस्पताल पहुंचे सीएम योगी शुरू किया…
वहीं, पीएम मोदी ने कहा न्यू इंडिता में तंत्र से लोक नहीं लोक से तंत्र चलेगा। किसानों के खेत में पानी और उन्हें अन्य लाभ देने का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि देश का नौजवान रोजगार करने वाला नहीं रोजगार देने वाला होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक हर भारतीय की सैलरी दोगुनी हो जाएगी।
मोदी ने कहा कि हम कश्मीर का विकास करके रहेंगे। कश्मीर मेरी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मुठ्ठी भर अलगाववादी कश्मीर के विकास में बाधा बन रहे हैं। उनकी वजह से कश्मीर लोग एक दूसरे को गाली देता रहता है। उन्होंने कहा कि कश्मीर का हल ना गोली से है ना गाली से है। गले लगाकर कश्मीर की समस्या हल होगी।
PM मोदी ने कहा कि ये देश ईमानदार लोगों के लिए हैं। हमने 800 करोड़ की बेनामी संपत्ति जब्त की है। जिसके बाद गरीबों को लूटने वाले लोग चैन से सो नहीं पा रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हम न्यू इंडिया बनाकर रहेंगे। न्यू इंडिया के लिए हमें साथ आना होगा। न्यू इंडिया में सभी समृद्ध होंगे और सुरक्षित होंगे। उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया का पूरे विश्व में दबदबा होगा। इससे पहले पीएम मोदी लालकिले से कहा कि पिछले दिनों जलवायु परिवर्तन के कारण देश को बड़ा कष्ट पहुंचा। उन्होंने कहा कि देश में जगह जगह बाढ़ और गोरखपुर के अस्पताल में बच्चों की मौत पर देश को दुख पहुंचा है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर के जरिए देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। मोदी ने लिखा, स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई। जय हिंद। पीएम ने इसी के साथ देशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की भी बधाई दी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश के लिए अपने जीवन का बलिदान कर देने वाले ऐसे वीर स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने और देश के लिए कुछ कर गुजरने की उसी भावना के साथ राष्ट्र निर्माण में सतत जुटे रहने का समय है।
स्वतंत्रता दिवस की 70वीं वर्षगांठ पर देश के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘स्वतंत्रा नैतिकता पर आधारित नीतियों और योजनाओं को लागू करने पर उनका जोर, एकता और अनुशासन में उनका दृढ़ विश्वास, विरासत और विज्ञान के समन्वय में उनकी आस्था, विधि के अनुसार शासन और शिक्षा को प्रोत्साहन, इन सभी के मूल में नागरिकों और सरकार के बीच साझेदारी की अवधारणा थी।’