रेलवे ने आरक्षित ट्रेनों में बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए लोअर बर्थ की उपलब्धता बढ़ाने के लिए महिलाओं और बुजुर्गों का आरक्षण कोटा बढ़ाने का निर्णय लिया है। अभी इस वर्ग को उपलब्ध कोटे में लोअर बर्थों पर अपेक्षाकृत कम उम्र की महिलाओं का कब्जा हो जाता है, जबकि गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को ऊपरी बर्थों पर मशक्कत करनी पड़ती है।
नए प्रावधान से इस विसंगति के काफी हद तक दूर होने की उम्मीद है। इस संबंध में रेलवे बोर्ड की ओर से शीघ्र ही जोनल कमर्शियल मैनेजरों को सर्कुलर भेजे जाने की संभावना है। नई व्यवस्था के तहत मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों के अलावा राजधानी, शताब्दी और दूरंतो जैसी पूर्ण वातानुकूलित प्रीमियम ट्रेनों में भी बुजुर्गों, 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं तथा गर्भवती महिला यात्रियों को ज्यादा संख्या में लोअर बर्थ प्राप्त हो सकेंगी।
अभी मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों में 45 वर्ष या अधिक उम्र की महिलाओं के अलावा वरिष्ठ नागरिक तथा गर्भवती महिलाओं के लिए स्लीपर क्लास के अंतर्गत छह बर्थ तथा थर्ड और सेकेंड एसी के तहत तीन-तीन बर्थ का कोटा तय है। वहीं, राजधानी, दूरंतो, शताब्दी व अन्य पूर्ण वातानुकूलित ट्रेनों में थर्ड एसी में चार तथा सेकेंड एसी/चेयरकार में तीन बर्थ/सीट मिलती हैं।
नए प्रस्ताव के तहत जिन मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों में विभिन्न श्रेणियों का केवल एक-एक कोच है, उनमें स्लीपर क्लास में उन तीनों वर्ग की महिला यात्रियों को छह बर्थ, थर्ड एसी में चार बर्थ तथा सेकेंड एसी में तीन लोअर बर्थ का कोटा मिल सकता है। इसी प्रकार जिन ट्रेनों में विभिन्न श्रेणियों के लिए एक से ज्यादा कोच उपलब्ध हैं, उनमें उक्त तीनों श्रेणियों की यात्रियों को स्लीपर क्लास में आठ बर्थ, थर्ड एसी में छह तथा सेकेंड एसी में चार बर्थ आवंटित करने की व्यवस्था होने के आसार हैं।
अभी मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों में 45 वर्ष या अधिक उम्र की महिलाओं के अलावा वरिष्ठ नागरिक तथा गर्भवती महिलाओं के लिए स्लीपर क्लास के अंतर्गत छह बर्थ तथा थर्ड और सेकेंड एसी के तहत तीन-तीन बर्थ का कोटा तय है। वहीं, राजधानी, दूरंतो, शताब्दी व अन्य पूर्ण वातानुकूलित ट्रेनों में थर्ड एसी में चार तथा सेकेंड एसी/चेयरकार में तीन बर्थ/सीट मिलती हैं।
नए प्रस्ताव के तहत जिन मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों में विभिन्न श्रेणियों का केवल एक-एक कोच है, उनमें स्लीपर क्लास में उन तीनों वर्ग की महिला यात्रियों को छह बर्थ, थर्ड एसी में चार बर्थ तथा सेकेंड एसी में तीन लोअर बर्थ का कोटा मिल सकता है। इसी प्रकार जिन ट्रेनों में विभिन्न श्रेणियों के लिए एक से ज्यादा कोच उपलब्ध हैं, उनमें उक्त तीनों श्रेणियों की यात्रियों को स्लीपर क्लास में आठ बर्थ, थर्ड एसी में छह तथा सेकेंड एसी में चार बर्थ आवंटित करने की व्यवस्था होने के आसार हैं।
विमान यात्रियों की तरह ही अब रेल यात्री भी यात्रा के दौरान ट्रेन में ही कुछ घरेलू उत्पाद, किचन एप्लायेंस, फिटनेस टूल और सौंदर्य प्रसाधन खरीद सकेंगे। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पश्चिमी रेलवे के मुंबई खंड ने 16 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों पर यात्रियों को सामान बेचने के लिए एक निजी कंपनी को पांच साल के लिए कांट्रैक्ट दिया है।
इसके लाइसेंस के तहत वह घरेलू उत्पाद और सौंदर्य प्रसाधन आदि सामान बेच सकेंगे। हालांकि, इस ठेकेदार को ट्रेन में कोई भी खाद्य पदार्थ, सिगरेट, गुटखा या शराब बेचने की अनुमति नहीं होगी। रेलवे ने सिर्फ पांच साल के लिए यह ठेका 3.5 करोड़ रुपए में दिया है। सामान की बिक्री एक ट्रॉली में रखकर वर्दीधारी दो अधिकारियों की मौजूदगी में की जाएगी।
बिक्री का समय सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक के लिए ही होगा। रेल यात्री यह सामान अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके ले सकेंगे। विक्रेता को शोर करने या आवाज लगाने की इजाजत नहीं होगी। बल्कि विमान की ही तर्ज पर सभी यात्रियों को उत्पादों के कैटेलॉग बांट दिए जाएंगे। इसमें से वह अपने लिए सामान पसंद करके खरीद सकेंगे। पहले चरण में खरीददारी की यह सेवा केवल दो ट्रेनों में होगी। इसके बाद हर चरण में दो-दो और ट्रेनों को शामिल कर लिया जाएगा।