गरीब जनता की जागरूकता, की पीएम जनधन योजना (PMJDY) के मोर्चे पर अच्छी खबर आ रही है. PMJDY पांच साल पहले हुई शुरुआत से अब तक इसमें जीरो बैलेंस और निष्क्रिय खातों में लगातार कमी आ रही है.
पीएम जनधन योजना (PMJDY) के तहत अब तक कुल 37.11 करोड़ एकाउंट खोले गए हैं, जिसमें से जीरो बैलेंस एकाउंट अब सिर्फ 4.88 करोड़ यानी 13.15 फीसदी ही हैं (सितंबर 2019 तक). इस योजना के तहत निष्क्रिय खातों की संख्या अब 6.60 करोड़ यानी 17.8 फीसदी है.
जीरो बैलेंस खाते का मतलब यह है कि जिस खाते में जांच के दिन एक रुपया भी न हो. इसी प्रकार डॉरमैंट यानी निष्क्रिय खातों का मतलब यह है कि जिसमें पिछले एक साल में कोई भी ट्रांजैक्शन न हुआ हो.
जब इस योजना की शुरुआत हुई तो जीरो बैलेंस खाते 25 से 30 फीसदी हुआ करते थे, लेकिन अब पिछले पांच साल में ये घटकर 13 फीसदी के आसपास ही रह गए हैं. इसी तरह इस दौरान निष्क्रिय खातों की संख्या भी 20 से घटकर 17 फीसदी के आसपास रह गई है.
जीरो बैलेंस और निष्क्रिय खातों की संख्या में गिरावट का मतलब यह है कि गरीब लोग अब अपने लेनदेन के लिए इन खातों का इस्तेमाल करने लगे हैं. गौरतलब है कि ये खाते गरीबों के लिए काफी आकर्षक थे. इनको चलाते रहने के लिए किसी भी तरह की न्यूनतम राशि की जरूरत नहीं होती, यानी ये जीरो बैलेंस खाते हैं. इसके अलावा इसके खाताधारकों को एक रुपे डेबिट कार्ड भी दिया जाता है, जिसमें 10,000 रुपये की ओवरड्राफ्ट फेसिलिटी मिलती है. रुपे कार्ड के साथ 2 लाख रुपये का एक्सीडेंटल बीमा कवर भी मिलता है.