बीजेपी के सांसद और बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता विनोद खन्ना का कुछ ही दिन पहले निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनके संसदीय क्षेत्र गुरदासपुर की लोकसभा सीट खाली हो गयी थी। इस सीट पर कुछ समय बाद चुनाव होने वाले हैं। इस सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए कई बीजेपी नेता लाइन में थे, लेकिन जैसे ही इस सीट से अक्षय कुमार के चुनाव लड़ने की खबर आयी, कई बीजेपी नेताओं के चेहरे उतर गए थे, लेकिन एक बार फिर से उनके चेहरे की मुस्कान वापस लौट आयी है।
अक्षय कुमार अब गुरदासपुर से चुनाव नहीं लड़ेंगे :
बीजेपी के सांसद और बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता विनोद खन्ना का कुछ ही दिन पहले निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनके संसदीय क्षेत्र गुरदासपुर की लोकसभा सीट खाली हो गयी थी। इस सीट पर कुछ समय बाद चुनाव होने वाले हैं। इस सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए कई बीजेपी नेता लाइन में थे, लेकिन जैसे ही इस सीट से अक्षय कुमार के चुनाव लड़ने की खबर आयी, कई बीजेपी नेताओं के चेहरे उतर गए थे, लेकिन एक बार फिर से उनके चेहरे की मुस्कान वापस लौट आयी है।
अक्षय कुमार अब गुरदासपुर से चुनाव नहीं लड़ेंगे :
अक्षय कुमार ने 2014 में ही कनाडा की नागरिकता ले ली थी। ऐसे में वह भारत के किसी भी क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। इस खबर से गुरदासपुर सीट से चुनाव लड़ने का सपना देख रहे लोगों को काफी खुशी मिली है। आपको बता दें कि बीजेपी की तरफ से इस सीट पर स्वर्ण सलारिया पहले ही अपनी दावेदारी जता चुके हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर सीट से सलारिया ने बीजेपी का टिकट मांगा था लेकिन बीजेपी ने यहां का टिकट दुबारा विनोद खन्ना को ही दे दिया था। हालांकि अब विनोद खन्ना की मौत के बाद पार्टी के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। सूत्रों से प्राप्त खबर के अनुसार इस सीट की दावेदारी सलारिया के साथ-साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता मास्टर मोहनलाल ने भी की है।
जब से उन्हें यह पता चला है कि अक्षय कुमार के पास भारत की नहीं बल्कि कनाडा की नागरिकता है, उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। इसका मतलब यह है कि अक्षय कुमार अब गुरदासपुर से चुनाव नहीं लड़ेंगे। भारत में किसी भी व्यक्ति को चुनाव लड़ने के लिए यहां का नागरिकता होना अनिवार्य है।
2014 में ही ले ली थी कनाडा की नागरिकता:
अब बीजेपी इस सीट के लिए किसे चुनती है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन यह बात साफ हो गयी है कि अब इस सीट से अक्षय कुमार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे और बीजेपी के लिए यह सीट बहुत मायने रखती है। इसलिए बीजेपी को यह सीट किसी भी कीमत पर जीतना ही पड़ेगा। देश के अन्य राज्यों में मोदी लहर की वजह से बीजेपी को जीत हासिल हुई है, लेकिन पंजाब में बीजेपी की बुरी हालत हो गयी थी। इसलिए यह सीट बीजेपी की इज्जत का सवाल बनी हुई है।