दिल्ली के अंबेडकर कॉलेज में बीबीसी की डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग करने से रोकने के लिए प्रशासन ने बिजली कटवा दी है, जिसके विरोध में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। कॉलेज के छात्र लैपटॉप में डाउनलोड करके डॉक्युमेंट्री देख रहे हैं। बता दें कि प्रशासन ने विवाद को बढ़ता देख कॉलेज के गेट भी बंद कर दिए है।

हिंदू कॉलेज में भी हुई थी स्क्रीनिंग
हिंदू कालेज की स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआई) यूनिट ने बीती शाम बीबीसी डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग की थी। कालेज प्रशासन ने डॉक्युमेंट्री की कालेज परिसर में स्क्रीनिंग की अनुमति से इनकार कर दिया था, जिसके बाद लगभग 50 छात्रों ने परिसर के बाहर स्थित एक फ्लैट की छत पर स्क्रीनिंग की।
एसएफआई की हिंदू कॉलेज इकाई की सचिव रूशम ने कहा, ”पिछले कुछ दिनों से हम अपने परिसरों में जो डॉक्युमेंट्री देख रहे हैं वह मोदी सरकार की अलोकतांत्रिक और निरंकुश खोज है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एसएफआई के छात्र कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उन्हें लगभग एक दिन तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया, जब उन्होंने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को दिखाने की कोशिश की।”
साथ ही उन्होंने कहा, ”जेएनयू में बिजली काटी गई और एबीवीपी के गुंडों ने डॉक्युमेंट्री का प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर हमला किया। इसी तरह के हमले पांडिचेरी विश्वविद्यालय में भी हुए। यह तीव्र राजकीय आतंक के संदर्भ में है। एसएफआई की हिंदू कॉलेज इकाई ने भारत के 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर बड़ी संख्या में छात्रों को शामिल करके सफलतापूर्वक डॉक्युमेंट्री का प्रदर्शन किया है। एसएफआई की हिंदू कॉलेज यूनिट देश के उन सभी छात्रों के प्रति एकजुटता का विस्तार करता है, जो इस फासीवाद के खिलाफ बीबीसी की डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग कर रहे हैं।
बता दें कि शुक्रवार को डीयू के कला संकाय के बाहर और अंबेडकर विश्वविद्यालय कश्मीरी गेट परिसर में भी वामपंथी और भीम आर्मी के छात्र संगठनों द्वारा डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग कराने की योजना है।
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