अंबाती रायुडू की इस वजह से टीम में जगह हुई पक्की

 टीम इंडिया को अब इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप से पहले मात्र 5 वनडे खेलना है। वैसे तो इस सबसे बड़े टूर्नामेंट के लिए टीम इंडिया के अधिकांश नाम लगभग तय है लेकिन पिछले कुछ समय से सबसे ज्यादा चर्चा चौथे क्रम को लेकर चल रही है। इस क्रम के लिए वैसे तो कई नाम उछल रहे है लेकिन भारतीय कप्तान विराट कोहली की पसंद अंबाती रायुडू है। रायुडू का दावा इसलिए मजबूत है क्योंकि तीसरे क्रम पर भी उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है। इसके अलावा उन्हें मौकों को भुनाने में महारत हासिल है।

रायुडू को जब भी मौके मिले वे कप्तान के विश्वास पर खरे उतरे हैं और वेलिंगटन में रविवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ अंतिम वनडे में शानदार पारी से उन्होंने अपनी जगह पर मुहर लगवा ली। विराट कोहली की अनुपस्थिति और 18 पर 4 विकेट की नाजुक स्थिति के बाद उन्होंने युवा विजय शंकर को साथ लेकर जिस तरह पारी को संवारा और संभाला उससे उनकी परिपक्वता और जुझारुपन साफ नजर आया। वे संयम के साथ खेले और मौके मिलते ही आक्रामक शॉट्स लगाने से भी नहीं चूके। वे दुर्भाग्यशाली रहे कि शतक नहीं बना पाए लेकिन उन्होंने शतक की बजाए टीम हित को प्राथमिकता देते हुए आक्रामक बल्लेबाजी की।

हैमिल्टन में चौथे वनडे में विषम परिस्थिति में उनके पास अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका था लेकिन वे चूक गए थे। इसके बाद उन्होंने वेलिंगटन में अवसर को खाली नहीं जाने दिया। रायुडू इस भारत-न्यूजीलैंड सीरीज में दोनों टीमों की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उन्होंने 5 मैचों में 63.33 की औसत से 190 रन बनाए, जिसमें 1 फिफ्टी शामिल है। उन्होंने इसके अलावा दो बार 40 से ज्यादा रनों का योगदान दिया।

तीसरे क्रम पर भी शानदार रिकॉर्ड :

चीफ कोच रवि शास्त्री ने पिछले दिनों यह संकेत दिए कि इंग्लैंड में विश्व कप के दौरान यदि परिस्थितियां गेंदबाजों की मददगार रही तो विराट कोहली को चौथे क्रम पर भी उतारा जा सकता है। इस स्थिति में रायुडू को तीसरे क्रम पर उतारा जाएगा जो बेहद चुनौतीपूर्ण बल्लेबाजी क्रम है। मजे की बात यह है कि रायुडू का भारत की तरफ से चौथे क्रम की बजाए तीसरे क्रम पर ही प्रदर्शन बेहतर रहा है। उन्होंने टीम इंडिया की तरफ से चौथे क्रम पर खेलते हुए 21 मैचों में 47.80 की औसत से 717 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 1 शतक और 5 अर्द्धशतक जड़े। दूसरी तरफ रायुडू ने 16 मैचों में तीसरे क्रम पर खेलते हुए 68.70 की औसत से 687 रन बनाए हैं। इस क्रम पर बल्लेबाजी के दौरान उन्होंने दो शतक और 3 फिफ्टी लगाई। इस तरह रायुडू का उपयोग टीम तीसरे क्रम पर भी कर सकती है।

आईपीएल 2018 से आया करियर में निर्णायक मोड़:

33 वर्षीय रायुडू ने 24 जुलाई 2013 को हरारे में जिम्बाब्वे के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय वनडे डेब्यू किया। वे इन 5 वर्षों में टीम के अंदर-बाहर होते रहे और मात्र 52 वनडे खेल पाए। लेकिन उन्होंने इन मैचों में 50.33 के प्रभावी औसत से 1661 रन बनाए हैं। उन्हें जब भी मौके मिले, उन्होंने उसका भरपूर लाभ उठाया, इसके बावजूद वे टीम के नियमित सदस्य नहीं बन पाए। आईपीएल 2018 में चेन्नई सुपर किंग्स को चैंपियन बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई और इसके बाद से भारत की वनडे टीम में नियमित जगह मिल रही है। यो-यो टेस्ट में असफल होने की वजह से उनका इंग्लैंड दौरे से बाहर होना दुर्भाग्यपूर्ण था लेकिन उन्होंने एशिया कप में अपनी उपयोगिता साबित की। रायुडू भारत की तरफ से 6 टी20 मैच भी खेल चुके हैं।

रायुडू अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी से निलंबित :

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 13 जनवरी को सिडनी में पहले वनडे के दौरान रायुडू के गेंदबाजी एक्शन की संदिग्ध होने की रिपोर्ट की गई थी। उन्हें 14 दिनों के अंदर गेंदबाजी एक्शन का टेस्ट देना था जो उन्होंने नहीं दिया इसके चलते आईसीसी ने अब उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में गेंदबाजी करने से प्रतिबंधित कर दिया है। जब तक वे मान्यता प्राप्त लेबोरेटरी से परीक्षण करवाकर यह साबित नहीं करते कि उनका एक्शन वैध है, उन्हें गेंदबाजी नहीं करने दी जाएगी।

तीसरी कक्षा के दौरान क्रिकेट अकादमी से जुड़े :

अंबाती रायुडू का जन्म 23 सितंबर 1985 को आंध्रप्रदेश के गुंटूर में हुआ था। वे जब तीसरी कक्षा में थे तब उनके पिता ने उन्हें एक क्रिकेट अकादमी में शामिल किया था। उनका करियर बहुत उतार-चढ़ाव भरा रहा। 2002 में उन्होंने भारत अंडर-19 की तरफ से जब इंग्लैंड के खिलाफ 177 रनों की धमाकेदार पारी खेली तब उन्हें भारत के भविष्य के सितारा खिलाड़ी के रूप में देखा गया था। वे 21 वर्ष की उम्र में बागी इंडियन क्रिकेट लीग से जुड़े थे। इस लीग की समाप्ति के बाद वे माफी मांगकर क्रिकेट की मुख्य धारा में जुड़े थे।

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