टीबी एक घातक संक्रामक बीमारी है। जो कि माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु के कारण होती है। टीबी आमतौर पर फेफड़ों पर हमला करता है। हालांकि टीबी फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है। टीबी हवा के माध्यम से फैलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के अनुसार पूरे विश्व भर में 2 अरब से ज्यादा लोगों को लेटेंट टीबी संक्रमण है। सक्रिय टीबी का मरीज दूसरे स्वस्थ व्यक्तियों को भी संक्रमित कर सकता है।इस बीमारी के विनाशकारी स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक प्रभावों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है। आइए जानते हैं किस तरह टीबी से बचाव कर सकते हैं।
टीबी के लक्षण
लगातार तीन हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना टीबी के लक्षण हैं। इसके अलावा खांसी के साथ खून का आना या फिर छाती में दर्द होना और सांसों का फूलना भी टीबी के लक्षण हैं। वहीं वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना साथ ही शाम को बुखार आना और ठंड लगना भी टीबी के लक्षण हैं।
कैसे करें बचाव
टीबी रोग से संक्रमित रोगी को खांसते वक्त मुंह पर कपड़ा रखना चाहिए और भीड़-भाड़ वाली जगह पर या बाहर कहीं भी नहीं थूकना चाहिए। इसके अलावा साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
ताजे फल, सब्जी और कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, फैटयुक्त आहार का सेवन करें। इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है। क्योंकि रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी तो टीबी रोग से बचाव किया जा सकता है।
क्षयरोग की रोकथाम और नियंत्रण के लिए मुख्य रूप से शिशुओं को बैसलिस कैल्मेट-ग्यूरियन का टीकारकरण कराना चाहिए। बच्चों में यह 20 फीसदी से ज्यादा संक्रमण होने का जोखिम कम करता है।
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