क्रिकेट विश्व कप का बुखार अगले डेढ़ महीने दुनियाभर के खेल प्रेमियों के सिर चढ़कर बोलेगा। विश्व कप का आगाज गुरुवार को होगा, जिसमें 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं,

और इसका उद्घाटन मैच गुरुवार को मेजबान इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच केनिंग्टन ओवल में खेला जाएगा। क्रिकेट का जनक इंग्लैंड 1975 से शुरू हुए विश्व कप का खिताब अभी तक एक बार भी अपने नाम नहीं कर सका है। इस बार उसे खिताब के प्रबल दावेदारों में से एक माना जा रहा है।
अपने ही घर में वह किस तरह चुनौती दे पाता है अब यह देखना होगा। ऐसे ही दक्षिण अफ्रीकी टीम भी अभी तक विश्व कप खिताब से वंचित रही है और वह बड़े टूर्नामेंट में अपने चोकर्स के तमगे को हटाने की पूरी कोशिश में रहेगी। दोनों ही टीमों में स्टार खिलाड़ियों की भरमार है, ऐसे में शुरुआती मुकाबला रोमांचक होने की संभावना है। मैच से पहले ही दक्षिण अफ्रीकी टीम को उस समय करारा झटका लगा जब उसके सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज डेल स्टेन को चोट के कारण इस मैच से बाहर होना प़़डा।
स्टेन को आइपीएल के दौरान कंधे में चोट लग गई थी, ऐसे में दक्षिण अफ्रीकी टीम पूरी तरह ठीक हुए बिना उन्हें मैदान में उतारने का जोखिम उठाना नहीं चाहता। इंग्लैंड टीम दक्षिण अफ्रीका की तुलना में ज्यादा संतुलित नजर आ रही है। ऐसे में उसकी जीत की संभावना बेहतर है। करीब डेढ़ महीने तक चलने वाले टूर्नामेंट का समापन 14 जुलाई को लॉर्ड्स में खेले जाने वाले फाइनल के साथ होगा। सारे क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें 16 जून को होने वाले महामुकाबले पर खासतौर पर टिकी हैं जब परंपरागत प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान की टीम आमने-सामने होंगी। इस विश्व कप के दौरान ब़़डी इनामी राशि दांव पर होगी, जिसमें विजेता को ट्रॉफी के साथ-साथ इनामी रकम के रूप में 28 करोड़ 8 लाख और 20 हजार रुपए इनाम के रूप में मिलेंगे।
कमजोर पक्ष-
1. बड़े टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती। ‘चोकर्स’ का टैग हटाना प्रमुख चुनौती।
2. डिविलियर्स के संन्यास लेने से टीम की बल्लेबाजी कमजोर हुई।
3. प्रमुख गेंदबाज स्टेन लगातार चोटिल होने की समस्या से जूझ रहे हैं।
इंग्लैंड- वनडे रैंकिंग 1 कप्तान- इयोन मॉर्गन
विश्व कप में प्रदर्शन- अभी तक चैंपियन नहीं बन सका है। 1979, 1987 और 1992 में फाइनल में पहुंचा था, लेकिन उपविजेता रहकर संतोष करना पड़ा।
टीम के मजबूत पक्ष-
1. बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में ही टीम बेहद संतुलित।
2. पिछले तीन वर्षों में टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है।
3. घरेलू दर्शकों का समर्थन मिलेगा। इंग्लैंड के विकेट के मिजाज और मौसम से वाकिफ होने का फायदा मिलेगा।
टीम का कमजोर पक्ष-
1. महत्वपूर्ण मौकों पर टीम का प्रदर्शन बिखर जाता है।
2. ज्यादातर बल्लेबाज आक्रामक, रूट को अलावा टिककर खेलने वाले अन्य कोई बल्लेबाज नहीं।
3. रिस्ट स्पिनरों को खेलने के मामले में कुछ कमजोर। इमरान ताहिर बल्लेबाजों की कठिन परीक्षा ले सकते हैं।
दक्षिण अफ्रीका- वनडे रैंकिंग 3 कप्तान-फाफ डु प्लेसिस
विश्व कप में प्रदर्शन- अभी तक चैंपियन नहीं बन सका है। 1992, 1999, 2007 और 2015 में सेमीफाइनल तक पहुंचा था।
टीम के मजबूत पक्ष –
1. टीम में प्लेसिस, अमला, मिलर और डिकॉक जैसे धाकड़ बल्लेबाज हैं।
2. तेज गेंदबाजी का आक्रमण बेहतरीन। यॉर्कर फेंकने में माहिर रबादा का साथ देने के लिए नगिदी और फेलुकवायो जैसे खिलाड़ी हैं।
3. मिलर और डिकॉक जैसे बल्लेबाज, अकेले दम पर मैच का रख बदलने में सक्षम हैं।
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