लेह। जम्मू-कश्मीर में कोविड महामारी के साथ एचआईवी और एड्स भी चुनौती बना हुआ है। प्रदेश में इस साल अक्तूबर तक एड्स 81 लोगों की जिंदगी लील चुका है और 252 नए एचआईवी मामले रिपोर्ट हुए हैं। नए मामलों में जिला कठुआ सबसे ज्यादा प्रभावित है, जबकि जम्मू संभाग के सांबा, जम्मू, उधमपुर और कश्मीर में श्रीनगर भी एचआईवी/एड्स से प्रभावित रहा है। एचआईवी फैलने का मुख्य कारण रोग ग्रस्त चालक, विस्थापित श्रमिक, सेक्स वर्कर और सुरक्षाकर्मी बन रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में 1999 में एड्स कंट्रोल सोसायटी के अस्तित्व में आने से लेकर अब तक 1142 लोगों की एड्स से मौत हो चुकी है। जम्मू-कश्मीर एड्स कंट्रोल सोसायटी के केंद्रों पर अब तक 5254 एचआईवी मरीज पंजीकृत हुए हैं। इनमें 2821 पीड़ितों का एंटी रेट्रोवायरल थैरेपी केंद्रों पर इलाज चल रहा है। पंजीकृत कुल पीड़ितों में 696 ऐसे हैं जो इलाज बीच में छोड़कर चले गए या एआरटी केंद्रों पर नहीं पहुंचे हैं। इस साल कोविड महामारी के चलते एचआईवी पीड़ितों को भी परेशानी झेलनी पड़ी है। कई महीनों तक लॉकडाउन के कारण पीड़ितों को उचित इलाज से वंचित रहना पड़ा है। खासतौर पर जिला स्तर से जम्मू आने वाले मरीज अधिक प्रभावित हुए हैं। हालांकि मौजूदा में पीड़ितों को इलाज दिया जा रहा है।
जीएमसी जम्मू में दो हजार से अधिक पीड़ितों का चल रहा इलाज-
जीएमसी जम्मू के एआरटी केंद्र पर 2394 पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है। इस केंद्र में 4559 मरीज अब तक पंजीकृत हुए हैं। जिसमें 2651 पुरुष, 1617 महिलाएं, 11 ट्रांसजेंडर, बच्चों में (15 साल तक) 162 लड़के और 118 लड़कियां हैं। जम्मू संभाग में अब तक 1019 लोगों की एड्स से मौत हो चुकी है। इसमें 702 पुरुष और 268 महिलाएं, 2 ट्रांसजेंडर और 47 बच्चे हैं। स्किम्स श्रीनगर के एआरटी केंद्र पर 316 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। यहां अब तक 580 पीड़ित पंजीकृत हुए हैं और 123 लोगों की मौत हो चुकी है।
जीएमसी कठुआ में भी एआरटी केंद्र सक्रिय-
नए मेडिकल कॉलेजों में जीएमसी कठुआ में एआरटी केंद्र स्थापित करके एचआईवी/एड्स पीड़ितों को इलाज दिया जा रहा है। जीएमसी में वर्तमान में 111 पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है। जिला स्तर पर नए मेडिकल कॉलेज शुरू होने से अब जिला कठुआ के लोगों को इलाज के लिए जम्मू नहीं आना पड़ता है। इस केंद्र में अब तक किसी पीड़ित की मौत दर्ज नहीं हुई है।
एड्स के लिए दो मुख्य वायरस जिम्मेदार-
एड्स का मुख्य कारण शरीर में एचआईवी वायरस का फैलना है। ह्यूमन इम्यूनोडेफिसिएंसी वायरस (एचआईवी) शरीर में तेजी से फैलकर इम्यून सिस्टम को खत्म कर देता है। एड्स के लिए एचआईवी 1 और एचआईवी 2 वायरस जिम्मेदार है।