दुनिया में सबसे अधिक यूज होने वाला मैसेजिंग ऐप WhatsApp ने भारत में फेक न्यूज से निपटने के लिए कई तरीके अपनाएं हैं लेकिन कई लोग आज भी फेक न्यूज फैला रहे हैं. यह यूजर्स के लिए काफी परेशानी भरा हो सकता है. देखा जाए तो यूजर्स इस परेशानी से खुद भी निपट सकते हैं. इसके लिए उन्हें बस फेक न्यूज को फ्लैग करना होगा. हालांकि, एक स्टडी में सामने आया है कि कुछ अन्य तरीकों से भी फेक न्यूज से बचा जा सकता है. यह स्टडी भारत को फोकस में रखकर की गई है. यह स्टडी यूनिवर्सिटी ऑफ पैनिसिल्वानिया, लीडन यूनिवर्सिटी और IE यूनिवर्सिटी द्वारा की गई है. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से
इस मामले को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि WhatsApp को कुछ अन्य बटन्स उपलब्ध कराए जाने चाहिए जो रिपोर्ट, इनवेस्टीगेट (रेड फ्लैग) से अलग होंगे. इनमें Doubt बटन भी हो सकता है. इन बटन्स के जरिए यूजर्स को किसी भी न्यूज के बारे में यूजर्स की अलग-अलग राय मिलेंगी. देखा जाए तो भारतीय यूजर्स के बीच गलत जानकारी को पूरी तरह से रोक पाना कंपनी के लिए एक बड़ा चैलेंज बनता जा रहा है. इसका मुख्य कारण यह है कि WhatsApp यूजर्स की चैट को एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन के चलते देख नहीं पाते हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यूनिवर्सिटी ऑफ पैनिसिल्वानिया की एक ऑथर समित्रा बद्रीनाथन ने कहा कि उनके निष्कर्ष से यह पता चलता है कि अगर यूजर्स अपनी तरफ से फेक न्यूज के मामले को कोई कदम उठाते हैं तो यह तरीका काफी काम आ सकता है. किसी भी गलत जानकारी की तरफ संकेत देना इस मामले को खत्म करने के लिए एक लंबा सफर तय कर सकता है.देखा जाए तो कंपनी ने फेक न्यूज से निपटने के लिए कई तरह के कदम उठाएं हैं. इसमें मैसेज को 5 बार से ज्यादा फॉरवर्ड न कर पाना, फेक न्यूज के कैंपन चलाना जैसे कई तरह के फीचर्स और प्लान्स शामिल हैं.