गिलगित बाल्टिस्तान। पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान विधानसभा चुनावों में धांधली को लेकर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ पूरे इलाके में हिंसक विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने अपने गुस्से को दिखाने के लिए सड़कों पर टायर जलाए और रास्तों को बंद कर दिया।
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने 23 विधानसभा सीटों में से अधिकांश पर जीत हासिल की है और सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। वहीं, विपक्ष ने चुनावों को धांधली करार दिया और सरकार पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।राजनीतिक दलों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों लोग भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि वे तब तक नहीं हटेंगे जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता।
गिलगित बाल्टिस्तान विधानसभा चुनाव इस्लामाबाद के साथ साथ चीन के लिए भी महत्वपूर्ण है। चीन चाहता है कि वह अपने रणनीतिक और महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के लिए इस क्षेत्र पर पूर्ण राजनीतिक नियंत्रण हासिल कर ले। चीन के बढ़ते दबाव के कारण ही इमरान खान की सरकार ने गिलगित बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा दिया है।
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज दोनों ने ही हाल के गिलगित बाल्टिस्तान चुनावों में धांधली के आरोप लगाया है। फिलहाल पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र से विजेता के नाम को घोषित किया जाना बाकी है। रविवार को हुए मतदान में संकेत मिलता है कि सभी 23 निर्वाचन क्षेत्रों में से पीटीआइ 10 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जिसके बाद सात निर्दलीय उम्मीदवार हैं। वहीं, पीपीपी ने तीन सीटें और पीएमएल-एन ने दो पर जीत हासिल की है।