Valentine Day Special लवगुरू मटुकनाथ और उनकी शिष्या जूली की प्रेम कहानी काफी रही चर्चित, पढ़े पूरी खबर

वेलेंटाइन डे का दिन हो और लवगुरू मटुकनाथ और उनकी प्रेमिका जूली की प्रेम कहानी की चर्चा ना हो तो आज का दिन फीका-फीका लगेगा। लेकिन इस प्रेम कहानी में एक नया ट्विस्ट आ गया है और प्यार की बात करने वाले, प्यार का ज्ञान और शेखी बघारने वाले प्रोफेसर मटुकनाथ पर जूली की उपेक्षा का बड़ा आरोप लगा है।

देवी ने लगाया आरोप-प्यार के नाम पर कलंंक हैं मटुकनाथ

कभी उम्र का फासला मिटाकर, समाज और दुनिया से बगावत कर जिस जूली ने मटुकनाथ का हाथ थामा था, फिर उसे छोड़कर आध्यात्म की ओर मुड़ गई थी, वो मिली जानकारी के मुताबिक जिंदगी-मौत की लड़ाई लड़ रही है। ये हम नहीं कह रहे ये भोजपुरी की सुप्रसिद्ध गायिका और जूली की दोस्त देवी ने बताया है कि जूली का पता ढूंढ लिया है।

देवी ने Jagran.com को बताया कि मुझे एक दिन अचानक एक परिचित का मैसेज आया जिससे पता चला कि जूली इस वक्त वेस्टइंडीज के त्रिनिदाद में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। वह कई महीनों से मानसिक रूप से बीमार है। जब देवी ने जूली से संपर्क साधा तो जूली ने अपनी तस्वीर भेजकर उन्हें अपनी हालत से वाकिफ कराया और भारत लाकर उसका इलाज करने की गुहार लगाई।

देवी का आरोप है कि जूली के बारे में सबकुछ जानने के बाद भी मटुकनाथ ने उसे भारत लाने से इंकार कर दिया और कहा मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं। इसके बाद देवी ने भी अब ठान लिया है कि अपनी मित्र जूली को हर हाल में भारत लाना है और उसका इलाज करवाना है।

जूली के भाई ने कहा-नहीं है अब उससे कोई रिश्ता

इतना ही नहीं, देवी ने जूली के भाई को भी फोन किया लेकिन भाई ने भी यह कहकर मदद करने से ठुकरा दिया कि अब ये रिश्ता टूट चुका है। अब देवी ने जहां जूली की मदद के लिए सीएम नीतीश को पत्र लिखा है वहीं विदेश मंत्रालय से भी गुहार लगाई है। देवी ने मटुकनाथ के प्रेम को झूठा और ढोंगी करार देते हुए कहा कि जिस लड़की ने इस प्रेम के खातिर सबकुछ त्याग दिया आज इस हालत में मटुकनाथ ने साथ छोड़ दिया है।

वहीं, जब Jagran.com ने इस बारे में मटुकनाथ से बात की तो उन्होंने कहा कि ये सच है कि जूली की तबियत खराब थी, लेकिन अब उसकी तबियत ठीक है। मेरी उनसे बात हुई है और वो अब भारत आना चाह रही हैं, वो जल्द आएंगी। मटुकनाथ ने देवी पर आरोप लगाया कि जूली की तस्वीरें और सीएम को पत्र लिखकर वो बस मीडिया में फोकस पाना चाह रही हैं। वो सक्षम हैं, चाहें तो जूली को भारत लाकर उनका इलाज करवा सकती हैं। ऐसे पत्र लिखने की क्या जरूरत है।

मटुकनाथ-जूली की ये है प्रेम कहानी

लवगुरू मटुकनाथ और जूली की प्रेम कहानी ने एक वक्त हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया था। इसमें ना सिर्फ गुरु-शिष्या की परंपरा पीछे छूट गई थी बल्कि उम्र की दीवारें भी टूट गई थीं। इस बेमेल मोहब्बत की काफी चर्चाएं हुईं थीं। मटुकनाथ-जूली की प्रेम कहानी 2006 में तब उजागर हुई थी जब मटुकनाथ  पटना विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्रोफेसर पद पर कार्यरत थे और जूली इनकी शिष्या थी, जो उनसे आधी उम्र की थी।

शिष्या जूली और मटुकनाथ की प्रेमलीला जगजाहिर होते ही ना सिर्फ सुर्खियां बन गई थी बल्कि परिवार से लेकर समाज तक में हंगामा भी बरपा था।

जहां  मटुकनाथ ने शिष्या से प्रेम करते ही अपने बसे बसाए परिवार का साथ छोड़ दिया था वहीं जूली के परिवार वालों ने भी जूली से रिश्ते तोड़ लिए थे। यहां तक कि मटुकनाथ के मुंह पर कालिख तक पोते गए थे और विश्वविद्यालय ने इन्हें निलंबित तक कर दिया था।

पिछले पांच साल से मटुकनाथ और जूली अलग-अलग रह रहे हैं। मटुकनाथ ने तो अपना अध्यापन कार्य जारी रखा तो वहीं जूली ने आध्यात्म की ओर रूख कर लिया। मटुकनाथ ने जूली के चले जाने के बाद आज भी अपने घर में जूली की तस्वीरें लगा रखी हैं। उनका कहना है कि वो आज भी जूली से बेइंतहा प्यार करते हैं।

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