पॉलीहाउस योजना के तहत सरकार का अगले तीन साल में 50 हजार पॉलीहाउस लगाने का लक्ष्य है। इन पॉलीहाउस के जरिये सरकार बागवानों को सब्जियों, फलों, फूलों के उत्पादन के लिए प्रेरित कर रही है ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी हो।
राज्य के लिए गेम चेंजर मानी जा रही पॉलीहाउस योजना की राह अब खुल गई है। लोनिवि के प्रमुख अभियंता की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने पॉलीहाउस निर्माण और ढुलाई से संबंधित दरों का निर्धारण कर दिया है। कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग ने कमेटी को यह जिम्मेदारी सौंपी थी।
माना जा रहा है कि नए साल की शुरुआत में किसानों को योजना का लाभ मिलने लगेगा। इस योजना के तहत सरकार का अगले तीन साल में 50 हजार पॉलीहाउस लगाने का लक्ष्य है। इन पॉलीहाउस के जरिये सरकार बागवानों को सब्जियों, फलों, फूलों के उत्पादन के लिए प्रेरित कर रही है ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी हो।
योजना के तहत उद्यानिकी से जुड़े किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाना है। योजना के लिए नाबार्ड ग्रामीण अवस्थापना विकास निधि से ऋण उपलब्ध कराएगा। एसओआर की दरें तय न होने के कारण योजना पर काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
इसके लिए लोनिवि के प्रमुख अभियंता दीपक कुमार यादव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने 50 वर्ग मीटर छोटे पॉली हाउस और 100 वर्ग मीटर के बड़े पॉलीहाउस निर्माण से जुड़ी सामग्री की दरें निर्धारित कर दी हैं। बता दें कि यह योजना पिछले एक साल से अटकी है।
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