मुक्त प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार के लिए अमेरिका में 38 राज्यों व न्याय विभाग से मुकदमा लड़ रही टेक कंपनी गूगल के खिलाफ अब एंड्रॉइड प्ले स्टोर के जरिये 15 से 30 प्रतिशत कमीशनखोरी का मुकदमा शुरू हो गया है। ऑनलाइन गेम फोर्टनाइट निर्माता कंपनी एपिक ने यह मुकदमा गूगल की डिजिटल भुगतान प्रणाली के खिलाफ किया है। इसे सान फ्रांसिस्को की केंद्रीय अदालत में 10 जूरी सदस्य सुन रहे हैं।
दिसंबर मध्य तक यह मुकदमा सुना जाएगा। गूगल की मालिकाना कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई को भी गवाही के लिए बुलाया जाएगा। आरोप हैं कि गूगल ने एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए एप मुहैया करवाने वाले अपने प्ले स्टोर पर उपभोक्ताओं और डवलपर्स के लिए अवैध तरीके से कीमतें बढ़ाईं। एपिक के अनुसार एपल व गूगल अपने स्टोर पर की जाने वाली हर खरीद में 15 से 30% तक कमीशन लेते हैं।
टिंडर से समझौता कर चुका गूगल
इसी मामले में गूगल पर डेटिंग एप टिंडर की मालिकाना कंपनी मैच ग्रुप और सरकारी महाधिवक्ता ने भी आरोप लगाए थे। लेकिन मैच ग्रुप ने 4 करोड़ डॉलर लेकर समझौता कर लिया, अब वह गूगल की ‘यूजर्स चॉइस बिलिंग’ प्रणाली को मान चुका है। वहीं महाधिवक्ता से समझौते की शर्तें गूगल ने सार्वजनिक नहीं की हैं। एपिक के सीईओ टिम स्वीनी ने कहा कि ‘यूजर चॉइस बिलिंग’ एक छलावा भर है, वे इससे सहमत नहीं और गूगल को अब कोर्ट में ही देखेंगे। उनकी भी गवाही मुकदमे में होगी।
गूगल के सरकारी मामलात व जन नीति विभाग उपाध्यक्ष विल्सन व्हाइट का आरोप है कि एपिक ‘बिना बात के कुछ न कुछ हासिल करने का प्रयास’ कर रही है। वह एपल के खिलाफ भी यही मुकदमा हार चुकी है।
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