अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी कोर्ट से फिर एक बार झटका लगा है। टैरिफ को गैरकानूनी बताने के बाद अमेरिकी न्यायालय ने ट्रंप के फास्ट ट्रैक डिपोर्टेशन की आलोचना की है। कोर्ट का कहना है कि ट्रंप का यह फैसला अप्रवासियों के अधिकारों का हनन है।
वाशिंगटन डीसी की जिला जज जिया कॉब के अनुसार, जनवरी में ट्रंप प्रशासन ने अप्रवासियों को बाहर निकालना शुरू किया था। इसके तहत अप्रवासियों को कहीं भी गिरफ्तार कर लिया जाता है।
जज ने क्या कहा?
जस्टिस जिया के अनुसार, अप्रवासियों को पहले भी चिह्नित करके बाहर निकाला जाता था। मगर, जनवरी के बाद यह प्रक्रिया तेज हो गई। जिन लोगों के पास अमेरिका की नागरिकता नहीं है और न ही उनके पास यह प्रमाण है कि वो 2 साल से अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें फौरन गिरफ्तार कर लिया जाता है।
जस्टिस कॉब ने कहा-
पांचवें संशोधन के तहत अप्रवासियों को भी अधिकार मिले हैं। मगर ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से उनकी स्वतंत्रता को गहरा अघात लगा है। हर चीज से परे सिर्फ अप्रवासियों को किसी भी तरह देश से बाहर करने पर फोकस करना सही नहीं है।
ट्रंप प्रशासन ने लगाई गुहार
अमेरिकी अदालत के इस फैसले पर ट्रंप प्रशासन ने रोक लगाने की अपील की है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि वो इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। मगर, जिला जज ने इसपर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है।
टैरिफ को बताया गैरकानूनी
बता दें कि इससे पहले अमेरिका की एक संघीय अदालत ने ट्रंप के टैरिफ को भी गैरकानूनी बताया था। कोर्ट ने टैरिफ हटाने और सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए ट्रंप प्रशासन को 14 अक्टूबर तक का समय दिया है।
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