जीएसटी की नई दरें लागू होने के बाद सोमवार को बाजारों में अलग-अलग हाल दिखा। ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक और इंश्योरेंस सेक्टर को छोड़ दें तो अन्य बाजारों में जीएसटी पर उहापोह की स्थिति रही।
मॉल व बड़ी दुकानों ने जीएसटी की घटी हुई दरों पर बिलिंग करते हुए ग्राहकों को छूट का लाभ दिया। मझोले व छोटी दुकानों पर जीएसटी में कमी का असर नहीं दिखा। व्यापारियों ने दबी जुबान में बताया कि जिन ग्राहकों ने मांग की, सिर्फ उन्हें छूट दी गई, लेकिन इससे हम लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। सोमवार से देसी घी, मिल्क पाउडर, चॉकलेट, मिनरल वाटर, टॉफी कैंडी चीनी, नूडल्स, पास्ता आदि उत्पादों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो गया है। कुछ डेयरी कंपनियों ने जीएसटी में बदलाव के बाद अपने नए रेट जारी किए थे। उनके उत्पाद नए रेट पर ही बिकते मिले।
जिन उत्पादों के नए रेट जारी नहीं हुए, वह सोमवार को एमआरपी पर ही बिके। जिन ग्राहकों ने जीएसटी का हवाला दिया, दुकानदारों ने उन्हें बिना बहस किए छूट दे दी। दुकानदारों का कहना था कि उन्हें माल खरीदते वक्त कोई छूट नहीं मिली थी। वह अपने स्तर पर जीटीसी छोड़ेंगे तो घाटा उठाना पड़ सकता है।
जीएसटी की नए दरें लागू होने के बाद पैक्ड खानपान की चीजों पर जीएसटी 15 से घटकर 5 प्रतिशत हो गया है। कारोबारियों के पास पुराना स्टॉक होने की वजह से नई
दर पर सामान बेचने से सात फीसदी तक का नुकसान है। राशन व खाद्य तेल के व्यापार से जुड़े सिटी स्टेशन के सिद्धार्थ गुप्ता, नरही के संजय अग्रवाल व पांडेयगंज के राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि खाद्य तेल पर 5 प्रतिशत जीएसटी था, जिसमें कोई बदलाव नहीं है। राशन में सिर्फ 25 किलो की पैकिंग पर ही 5 प्रतिशत जीएसटी है।
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