रामनगरी में 25 लाख से अधिक दीए जलाने की तैयारी, बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड!

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्रभु रामलला के नव मंदिर में विराजित होने के बाद पहली दीपावली बेहद भव्य और दिव्य होने जा रही है। विश्व में एक यूनीक इवेंट के तौर पर अपनी पहचान बना चुके अयोध्या के दीपोत्सव कार्यक्रम में इस बार भी नया विश्व रिकॉर्ड कायम करने की तैयारी है।

रामनगरी में छोटी दीपावली पर 55 घाटों पर 25 लाख से अधिक दीए प्रज्ज्वलित होंगे जिसकी अगुआई खुद डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो प्रतिभा गोयल कर रही हैं। उनके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय प्रशासन ने 30 हजार स्वयंसेवकों को लगाने की तैयारी की है, जिनकी मदद से सातवीं बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अयोध्या धाम का नाम दर्ज होगा। खास बात ये है कि 25 लाख दीए जलाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 28 लाख दीए बिछाये जाएंगे।

प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद का पहला दीपोत्सव ऐतिहासिक बनाया जाएगा। आठवें दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कमर कस ली है। दीपोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। दीपोत्सव में सहभागिता के लिए पंजीकरण की तिथि विस्तारित कर दी है। अब 15 अक्टूबर तक सहभागिता के लिये पंजीकरण कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त स्वयंसेवकों के दीपोत्सव आईकार्ड को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।

दीपोत्सव की तैयारियों को लेकर नोडल समन्वयक प्रो एसएस मिश्र ने बताया कि राम पैड़ी के 55 घाटों पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए 25 लाख दीए प्रज्ज्वलित किए जाने के लक्ष्य को लेकर 28 लाख दीए बिछाये जाएंगे, जिसके लिए 30 हजार स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे। विवि परिसर सहित 14 महाविद्यालय, 37 इण्टर कालेज, 40 एनजीओ शामिल है। विश्वविद्यालय द्वारा मैपिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। 17 या 18 अक्टूबर से घाटों पर कर्मियों द्वारा मार्किंग का कार्य होगा। योजना के अनुसार, राम की पैड़ी के सभी घाटों पर 16 गुणे 16 ब्लॉक में 30 एमएल दीए में 30 एमएल सरसों का तेल पड़ेगा। सभी दीयों में कुल मिलाकर 90 हजार लीटर सरसों के तेल लगेगा जिसके इंतेजाम के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से पूरा किया जा रहा है। दीपोत्सव में सहभागिता के लिए पंजीकरण का कार्य 15 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

20 अक्टूबर से स्वयंसेवकों का आईकार्ड का वितरण शुरू कर दिया जाएगा। 26 अक्टूबर से घाटों पर दीए की खेप पहुंचनी शुरू हो जाएगी। 27 अक्टूबर से स्वयंसेवकों द्वारा घाटों पर दीए बिछाने के साथ 30 अक्टूबर को दीए प्रज्ज्वलित करके विश्व रिकार्ड बनाएंगे। मीडिया प्रभारी डॉ विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि जिला प्रशासन व विवि के सहयोग से दीपोत्सव को एतिहासिक बनाने के लिए कार्यो को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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