आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद व मैनपुरी में 4178 किमी सड़कें गड्ढामुक्त बनाने का लक्ष्य है। लेकिन ये लक्ष्य अधूरा रह गया। मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने की विकास कार्यों की समीक्षा की, जिसमें मथुरा में 49 सड़कें चौड़ी करने के निर्देश दिए गए।
आगरा ही नहीं, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी में सड़कें खस्ता हाल हैं। मंडल में 3,376 किमी. सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। जिन्हें भरने के निर्देश बृहस्पतिवार को मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को दिए हैं। उन्होंने कहा कि मंडल में कोई भी सड़क खराब नहीं होनी चाहिए। सभी सड़कों को गड्ढामुक्त बनाइए।
मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने बुधवार को मंडल के विकास कार्यों की समीक्षा की। सड़कों की प्रगति पूछी। उन्हें बताया गया कि वर्ष 2024-25 में मंडल मे 4178 किमी. सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने का लक्ष्य है। जिसके सापेक्ष 802 किमी. सड़क पर गड्ढे भरे गए हैं। 3,376 किमी. सड़कों पर गड्ढे भरने का कार्य शेष है। साथ ही, आगरा में 27, मथुरा में 49, फिरोजाबाद में 8 और मैनपुरी में 13 सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है। सितंबर तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।
मंडलायुक्त ने 50 करोड़ से अधिक लागत के प्रोजेक्ट की समीक्षा की। मंडल में 13 प्रोजेक्ट हैं। जिनमें 7 पूर्ण होने वाले हैं। फिरोजाबाद मेडिकल काॅलेज के लिए धनराशि का मांगपत्र नहीं भेजने पर मंडलायुक्त ने नाराजगी जताई। आगरा में जेएनएनयूआरएम के तहत नारायच में निर्मित भवनों के जर्जर हो जाने के मामले में मंडलायुक्त ने ठेकेदार फर्म के विरुद्ध आरसी जारी करने और शासन को पत्र भजने के निर्देश दिए।
मंडल में घटे एक लाख छात्रों के नामांकन
आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी में पिछले वर्ष की तुलना में इस साल एक लाख छात्रों के नामांकन कम हुए हैं। वर्ष 2024-25 में 5,61,892 छात्रों के नामांकन हुए हैं। मंडलायुक्त ने संख्या बढ़ाने को कहा। साथ ही, आगरा मंडल में दिव्यांग छात्रों के नामांकन, दिव्यांगता प्रमाणपत्र और अन्य सुविधाओं की समीक्षा की गई। पिछले शैक्षिक सत्र में 14096 दिव्यांग छात्र थे, इस सत्र में 13911 छात्रों के नामांकन हुए हैं। इस पर मंडलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त की। मंडल में 2677 छात्रों के दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनने हैं। 1108 प्रमाणपत्र बन चुके हैं। 1569 बाकी हैं। एक माह में सभी प्रमाणपत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं।
प्रसूताओं व आशाओं को कराएं भुगतान
जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा में प्रसूताओं को समय से भुगतान नहीं किया जा रहा है। आशा बहनों को भी समय से भुगतान न मिलने पर मंडलायुक्त ने नाराजगी जताई। चारों जिलों के सीडीओ को निर्देश दिए कि भुगतान कराए जाएं। लापरवाही पर संबंधित की जिम्मेदारी तय की जाए। गोल्डन कार्ड में आगरा को छोड़कर कोई जिला 90 प्रतिशत का लक्ष्य पूर्ण नहीं कर सका। गोशालाओं का निर्माण, पेयजल कार्यों, ओडीओपी उत्पादों पर भी चर्चा की गई।