नए सत्र से नया कानून पढ़ेंगे विधि छात्र, रुहेलखंड विश्वविद्यालय में सबसे पहले बदला पाठ्यक्रम लागू

नए कानूनों को ध्यान में रखते हुए एलएलबी और एलएलएम के सभी विद्यार्थियों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। विधि पाठ्य समिति ने नए पाठ्यक्रम पर मुहर लगा दी है। रुहेलखंड विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध कॉलेजों में नए सत्र में विधि के छात्रों को नए कानून पढ़ाए जाएंगे।

बरेली के महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय (एमजेपीआरयू) और इससे संबद्ध कॉलेजों में एक सितंबर से शुरू हो रहे नए सत्र में विधि के छात्रों को नए कानून पढ़ाए जाएंगे। विधि पाठ्य समिति ने नए पाठ्यक्रम पर मुहर लगा दी है। दावा किया गया है कि प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने सबसे पहले पाठ्यक्रम में बदलाव किया है।

एक जुलाई से देशभर में तीन नए कानून बीएनएस, बीएनएसएस और बीएसए लागू किए गए हैं। इसे ध्यान में रखते हुए एलएलबी और एलएलएम के सभी विद्यार्थियों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। उन्हें आगामी सेमेस्टर से ही इसकी पढ़ाई करनी होगी।

विधि विभागाध्यक्ष डॉ. अमित सिंह ने बताया, हाल ही कुलपति प्रो. केपी सिंह की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक में एक और बड़ा बदलाव किया गया है। नए पाठ्यक्रम में सीबीसीएस (चयन आधारित क्रेडिट प्रणाली) को लागू किया गया है। अब प्रतिशत के स्थान पर परिणाम में ग्रेड दिया जाएगा, जोकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्वीकार्य होगा।

अब इन कानूनों की पढ़ाई
नए पाठ्यक्रम में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) को शामिल किया गया है।

ये थे पुराने कानून
पूर्व में विद्यार्थी 1860 में बनी भारतीय दंड संहिता, 1974 के क्रिमिनल प्रोसीजर कोड और 1872 के एविडेंस एक्ट की पढ़ाई कर रहे थे।

20 अधिनियम और जोड़े
एलएलबी (तीन वर्ष) और बीएएलएलबी (पांच वर्ष) के पाठ्यक्रम में वर्तमान जरूरतों को देखते हुए 20 नए अधिनियम भी जोड़े गए हैं। इनमें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, मोटर व्हीकल एक्ट, डाटा प्रोटेक्शन एक्ट, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), नारी शक्ति वंदन अधिनियम आदि शामिल हैं।

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