प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने कॉरिडोर परियोजनाओं के विकास को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव में आगरा से ग्वालियर, कानपुर रिंग रोड, अयोध्या रिंग रोड शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने शुक्रवार को 8 राष्ट्रीय हाईस्पीड एक्सेस कंट्रोल (प्रवेश नियंत्रित) कॉरिडोर परियोजनाओं के विकास को मंजूरी दे दी। इसमें यूपी के तीन हाईस्पीड रोड कॉरिडोर हैं। इसमें आगरा-ग्वालियर (छह लेन), कानपुर रिंग रोड कॉरिडोर (छह लेन) और आयोध्या रिंग रोड कॉरिडोर (चार लेन) शामिल हैं। सीएम योगी ने यूपी को दी गयी इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि इससे कनेक्टिविटी के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को भी गति मिलेगी।
अयोध्या में पर्यटन को मिलेगी रफ्तार
अयोध्या में 68 किलोमीटर लंबे चार लेन एक्सेस कंट्रोल रिंग रोड को हाइब्रिड वार्षिकी मोड (एचएएम) में निर्मित किया जाएगा। इसकी लागत 3,935 करोड़ रुपये है। रिंग रोड शहर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों जैसे एनएच 27 (ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर), एनएच 227 ए, एनएच 227 बी पर भीड़ को कम कर देगा।
एनएच 330, एनएच 330-ए, और एनएच 135-ए से राम मंदिर आने वाले तीर्थ यात्रियों की तीव्र गति से आवाजाही संभव हो सकेगी। रिंग रोड लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, अयोध्या हवाई अड्डे और शहर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से आने वाले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को निर्बाध कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा।
रिंग रोड उत्तर-पूर्वी गलियारों और अन्य एनएच के लंबी दूरी के यातायात को शहर के बाहर डायवर्ट करके अयोध्या में भीड़भाड़ कम करेगा। यह राष्ट्र की लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाने में योगदान देगा।
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