यूपी रोडवेज की बसों में जल्द ही 10 हजार परिचालकों की भर्ती होने जा रही है। इसके साथ ही अपने क्षेत्र में खराब प्रदर्शन करने वाले अफसरों पर कार्रवाई भी की जाएगी।
परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने 10 हजार परिचालकों की जल्द भर्ती करने का निर्देश दिया है। बृहस्पतिवार को परिवहन निगम के सभागार में वरिष्ठ अधिकारियों एवं सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने परिचालकों की कमी के दृष्टिगत यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि परिचालकों की कमी से परिवहन निगम की बहुत सारी बसें ऑफ-रूट हो रही हैं, जिससे आर्थिक नुकसान हो रहा है। साथ ही, उन्होंने टेक्निकल स्टाफ की कमी को भी जल्द दूर करने के निर्देश भी दिये।
परिवहन मंत्री ने कहा कि वर्कशाप में बसों की मरम्मत कार्य ठीक से किया जाए। बसों की छत टपकने की समस्या दूर करें। लोगों को सुखद एवं आरामदायक यात्रा की अनुभूति होनी चाहिए। बसों की सीटें, शीशे इत्यादि बेहतर कंडीशन में हो।
ऑनलाइन बुकिंग व्यवस्था बेहतर की जाए। चालक एवं परिचालक वर्दी में रहें, नेम प्लेट भी लगाएं। बस स्टेशनों एवं डिपो पर एक हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था हो, जिस पर यात्री शिकायत दर्ज करा सकें। उन्होंने बसों का लोड फैक्टर, फ्यूल एवरेज एवं आय की समीक्षा भी की। साथ ही, उत्तराखंड एवं यूपी की बसों के पार्किंग फीस में अंतर को समाप्त करने के निर्देश दिये। बता दें कि उत्तराखंड परिवहन निगम पार्किंग फीस 550 रुपये निर्धारित की है, जबकि उप्र परिवहन निगम मात्र 220 रुपये पार्किंग फीस लेता है।
इससे परिवहन निगम की बसों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने टिकट एवं डीजल चोरी को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश देते हुए कहा कि कैमरों के माध्यम से मॉनीटरिंग की जाए। निगम द्वारा अनुबंधित ढाबों पर साफ-सफाई बेहतर हो एवं शौचालय की व्यवस्था उत्तम रखी जाए। जो ढाबा इसमें विफल रहता है, उसका अनुबंध समाप्त कर दिया जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव परिवहन एल. वेंकटेश्वर लू, प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर, अपर प्रबंध निदेशक राम सिंह वर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
खराब प्रदर्शन करने वाले अफसरों पर होगी कार्रवाई
उन्होंने नोयडा, गाजियाबाद, चित्रकूट एवं बरेली के प्रबंधकों को बेहतर कार्य एवं प्रदर्शन के लिए बधाई दी। जबकि मेरठ, मुरादाबाद और वाराणसी के क्षेत्रीय प्रबंधकों को खराब प्रदर्शन करने पर चेतावनी दी। इसके अलावा अलीगढ़, आजमगढ़, झांसी, मेरठ एवं देवीपाटन के क्षेत्रीय प्रबंधकों को अनुपयोगी बसों की संख्या होने पर चेतावनी दी। उन्होंने खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने एवं उनके खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये।