उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में गुरुवार को चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक ट्रेन के 12 डिब्बे मोतीगंज तथा झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गये। इस घटना में 4 लोगों की मौत हो गई तथा अन्य कई घायल हो गए। इस हादसे की जांच कर रही वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की पांच सदस्यीय टीम ने अपनी जांच पूरी कर ली है। टीम ने इस हादसे का कारण लापरवाही बताया है। उन्होने ठीक से नहीं कसी हुई पटरी को जिम्मेदार ठहराया।
पैनल के एक सदस्य इस दावे से सहमत नहीं
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, घटना की जांच कर रहे वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की पांच सदस्यीय टीम ने दुर्घटना के लिए ठीक से नहीं कसी हुई पटरी को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि पैनल के एक सदस्य इस दावे से सहमत नहीं हैं। उत्तर पूर्व रेलवे जोन के मुख्य जन संचार अधिकारी ने कहा कि संयुक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर निष्कर्ष तक पहुंचना जल्दबाजी होगी और यह गलत होगा। उन्होंने कहा, रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की ओर से जांच पहले ही शुरू हो चुकी है और पहली सुनवाई शुक्रवार को हुई। यह तकनीकी विशिष्टताओं और सूक्ष्म विवरणों के साथ दुर्घटना के हर पहलू का विवरण देगी। जांच में कई महत्वपूर्ण चीजें सामने आती है।
जलभराव के चलते ही ट्रैक कमजोर हुआ और दुर्घटना हो गई
इस जांच रिपोर्ट में बताया गया कि जांच टीम की रिपोर्ट में कहा गया है कि लखनऊ डिवीजन, जिसके अंतर्गत यह सेक्शन आता है, के वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (एसएसई) ने दोपहर 1:30 बजे आईएमआर दोष (तत्काल निष्कासन दोष) का पता लगाया और चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ने 2:28 बजे मोतीगंज स्टेशन को पार किया। इसमें कहा गया कि दोपहर 2:30 बजे मोतीगंज के स्टेशन मास्टर को खराब स्थान से ट्रेनों को पार करने के लिए गति नियंत्रण का ज्ञापन दिया गया था। उसके मुताबिक, खराब स्थान से 30 किमी प्रति घंटे की गति से ही ट्रेन को पार कराया जाना था। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेन दोपहर 2:31 बजे बेपटरी हुई, जब इंजन खराब जगह से गुजरा।
वहीं, शनिवार को 30 से अधिक रेलकर्मी रेलवे ट्रैक के पास मुस्तैद रहे। वह गिट्टी व मिट्टी डालकर नमी के स्थानों को ढक रहे थे। जलभराव छिपाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इसके बावजूद वहां पर नमी दिखाई दी। माना जा रहा है कि जलभराव के चलते ही ट्रैक कमजोर हुआ था और बड़ी दुर्घटना हो गई। इस मामले में गोंडा, डिब्रूगढ़ व गुवाहाटी (मालीगांव) के 41 रेल अधिकारी व कर्मचारी रविवार को डीआरएम दफ्तर लखनऊ में तलब किए गए हैं। माना जा रहा है कि बयान दर्ज होने के बाद जल्द ही कई लोगों पर गाज गिर सकती है।