कृषि विभाग की बदली रणनीति के तहत बिना किसान रजिस्ट्री कराए किस्त नहीं मिलेगी। इसके लिए सम्मान निधि वाले किसानों की अलग से गांववार सूची तैयार हो रही है।
उत्तर प्रदेश के किसानों की पीएम सम्मान निधि की अगली किस्त दिलाने के लिए कृषि विभाग को पसीने छूट रहे हैं, क्योंकि बिना किसान रजिस्ट्री हुए संबंधित किसान को किस्त नहीं मिलेगी। ऐसे में कृषि विभाग ने अपनी रणनीति बदल दी है। अब गांववार पीएम सम्मान निधि वाले किसानों की सूची तैयार की जा रही है।
प्रदेश में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर (एग्रीस्टैक) के तहत किसानों की रजिस्ट्री होनी है। इसमें किसानों व उसके खेत से जुड़े सभी डाटा एप पर अपडेट किए जाएंगे। किसान को आधार नंबर की तरह ही अभी किसान नंबर दिया जाएगा। फिर आधार कार्ड जैसा कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। यह प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन दिनों 10 जिले के 125 गांवों में किसानों का पंजीयन किया जा रहा है लेकिन कहीं आधार से जुड़ी समस्या तो कहीं नेटवर्क की वजह से किसान रजिस्ट्री की गति धीमी है।
वहीं, केंद्र सरकार की ओर से निर्देश है कि दिसंबर की पीएम सम्मान निधि के लिए किसान रजिस्ट्री होना अनिवार्य है। ऐसे में रजिस्ट्री का काम 30 सितंबर तक पूरा होना जरूरी है। पीएम सम्मान निधि के लिए सिर्फ ढाई माह का वक्त है, जबकि उत्तर प्रदेश में निधि पाने वाले किसानों की संख्या 2.10 केरोड़ है। इसके मद्देनजर कृषि विभाग में माथापच्ची चल रही है।
विभाग ने रणनीति बनाई है कि निधि के 2.10 करोड़ लाभार्थियों की अलग से सूची तैयार कर ली जाए। गांव में लगने वाले शिविर में पीएम किसान सम्मान निधि वाले किसानों की रजिस्ट्री पहले की जाए। अन्य किसानों की दूसरे चरण में की जाए। अभी तक हर गांव में दो- दो कर्मचारियों की टीम लगाकर रजिस्ट्री की शुरुआत की गई है, लेकिन अब टीम की संख्या बढ़ाई जाएगी।
इस तरह की आ रहीं दिक्कतें
विभागीय अधिकारियों की मानें तो किसान रजिस्ट्री के लिए संबंधित किसान का आधार नंबर की भी जरूरत पड़ती है। एप पर आधार नंबर दर्ज करने पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की जरूरत पड़ती है, लेकिन ज्यादातर किसानों के मोबाइल नंबर बदल गए हैं। ऐसे में ओटीपी नहीं मिल पा रही है। वहीं, तमाम गांवों में मोबाइल नेटवर्क की भी समस्या है। इनके समाधान के लिए भी लगातार नई तरकीब ढूंढी जा रही है।
क्यों जरूरी है किसान रजिस्ट्री
केंद्र सरकार की ओर से तैयार किए गए एप पर किसानों के नाम, पता, खसरा नंबर सहित सभी तरह की जानकारी अपडेट की जाएगी। इससे किसानों को ऋण लेने अथवा किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। वह किसान रजिस्ट्री से मिले नंबर के आधार पर अपनी पूरी जानकारी हासिल कर सकेगा।
कृषि निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार तोमर का कहना है कि प्रदेश के किसानों को हर हाल में पीएम किसान सम्मान निधि दिलाया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन में आ रहीं दिक्कतों से केंद्र सरकार को वाकिफ कराया गया है। एप में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। अभियान चलाकर निर्धारित समय पर हर किसान की रजिस्ट्री की जाएगी।