अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में शासनादेश जारी करके सभी भर्ती आयोगों को भेज दिया। जारी निर्देशों के तहत वित्त विहीन स्कूलों व कॉलेजों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
यूपी में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए फूल प्रूफ इंतजाम किए गए हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का उपयोग कर परीक्षा के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान व बायोमीट्रिक से पुष्टि की जाएगी। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। प्रश्नपत्र संबंधी अलग-अलग कार्यों के लिए चार अलग-अलग एजेंसियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। सरकारी या वित्त पोषित शिक्षण संस्थान ही परीक्षा केंद्र बनेंगे। 4 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी होने पर दो चरणों में परीक्षा होगी।
इस बारे में अमर उजाला ने 9 जून के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में शासनादेश जारी करके सभी भर्ती आयोगों को भेज दिया। जारी निर्देशों के तहत वित्त विहीन स्कूलों व कॉलेजों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। एक पाली में अधिकतम चार लाख परीक्षार्थी ही रहेंगे। अलबत्ता, पीसीएस परीक्षा को एक ही पाली में कराने की छूट रहेगी। प्रश्नपत्र के हर पन्ने पर गोपनीय सुरक्षा चिह्न होंगे।
परीक्षा नियंत्रक प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी का नियमित निरीक्षण करेंगे। प्रश्नपत्र तैयार करने, छपवाने व कोषागार में पहुंचाने की जिम्मेदारी एक एजेंसी की होगी। प्रश्नपत्र कोषागार तक पहुंचाने, परीक्षा केंद्र की सभी व्यवस्था व परीक्षा के बाद ओएमआर सीट को आयोग व बोर्ड तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दूसरी एजेंसी को दी जाएगी। तीसरी एजेंसी का काम परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था को संभालना होगा। चौथी एजेंसी आयोग व बोर्ड परिसर में ही ओएमआर सीट स्कैन कर परीक्षा का चयन स्कोर उपलब्ध कराएगी।
हर पाली के लिए होंगे दो या अधिक पेपर सेट
हर पाली के लिए दो या अधिक पेपर सेट होंगे। प्रत्येक सेट के प्रश्नपत्र की छपाई अलग-अलग एजेंसी के माध्यम से होगी। शुचिता और गोपनीयता के लिहाज से चयन आयोगों को शासन स्तर के शीर्ष अधिकारियों और एसटीएफ के संपर्क में रहना होगा।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal