युवती और उसके पिता पर कार चढ़ाकर मारने की कोशिश करने वाले पूर्व मंत्री के नाती को हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिल सकी है। अब उसके पास कोर्ट में समर्पण करने का रास्ता ही बचा है।
आगरा के पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह के पौत्र दिव्यांश चौधरी को हाईकोर्ट से दूसरी बार भी राहत नहीं मिल सकी है। हाईकोर्ट ने जानलेवा हमले के मुकदमे को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। पूर्व में हुए आदेश पर अमल करने को कहा गया है। इसके तहत दिव्यांश को तीन सप्ताह के भीतर कोर्ट में समर्पण करना था।
शाहगंज के ऋषि मार्ग पर 15 अप्रैल को जूता कारोबारी विवेक महाजन और उनकी बेटी को गाड़ी से कुचलने का प्रयास हुआ था। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। पुलिस ने दिव्यांश पर जानलेवा हमले की धारा के तहत मुकदमा लिखा था। गिरफ्तारी नहीं कर पाने पर आरोपी दिव्यांश पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। उसकी गाड़ी पूर्व मंत्री के घर से बरामद हुई थी। इसके बाद दिव्यांश ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 17 मई को हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई हुई थी। आरोपी के अधिवक्ता ने आखिरी समय पर अग्रिम जमानत की प्रार्थना वापस ले ली थी। राहत की मांग की थी।
हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह के अंदर आरोपी को स्थानीय अदालत में समर्पण के आदेश दिए थे। आदेश में यह भी लिखा था कि इस अवधि के दौरान पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करेगी। आरोपी को स्थानीय अदालत में समर्पण करना था। इसके बाद दिव्यांश के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में दूसरी याचिका दाखिल की। शुक्रवार को उस पर सुनवाई हुई। अधिवक्ता ने जानलेवा हमले के मुकदमे को चुनौती दी। आरोपी की याचिका खारिज हो गई। आरोपी को आगरा कोर्ट में ही समर्पण करने के आदेश को यथावत रखा गया है।