आदि विश्वेश्वर अर्जेंट पूजा-अर्चना याचिका पर भी 23 मई को जबरदस्त बहस हुई। दोनों पक्षों ने अपना-अपना पक्ष रखा। इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता ने कोई एक कागज फाइल में सम्मिट कर रखा था, जिसकी जानकारी जज साहब को नहीं थी तो जज साहब ने कहा यह क्या है?
इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से सर्वे कराने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई जुलाई के प्रथम सप्ताह में होगी। याची राखी सिंह की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका (सिविल रिवीजन) पर उपयुक्त बेंच नामित करने के लिए फाइल मुख्य न्यायाधीश के समक्ष भेजी गई है।
न्यायमूर्ति अजीत कुमार की कोर्ट के समक्ष मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने कोर्ट को बताया कि न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच को सुनवाई के लिए नामित किया गया था। इस पर न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने कहा कि फिर यह मामला मेरी कोर्ट में कैसे आ गया? उन्होंने मुकदमे के रिकार्ड का अवलोकन करने के बाद इसे मुख्य न्यायाधीश के समक्ष भेज दिया।