बरेली में बारिश के बाद डायरिया और मलेरिया के मरीज बढ़ने लगे हैं। जिला अस्पताल का बच्चा वार्ड बीते 72 घंटे से फुल है। स्थिति यह है कि एक-एक बेड पर दो-दो मरीज उपचार करा रहे हैं।
बरेली में भीषण गर्मी, पहली बारिश और मच्छरों के हमले का असर दिखने लगा है। मच्छरों का हमला तेज होने से जहां मलेरिया के मरीजों की तादाद बढ़ रही है, वहीं डायरिया बच्चों को तेजी से चपेट में ले रहा है। जिला अस्पताल का बच्चा वार्ड बीते 72 घंटे से फुल है। 10 अतिरिक्त बेडों की व्यवस्था किए जाने के बाद भी एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। वहीं शनिवार को हुई बारिश के बाद बुखार और मलेरिया के मरीजों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है। जिला अस्पताल की ओपीडी और रविवार को स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित आरोग्य मेले के आंकड़े इसकी पुष्टि कर रहे हैं।
जिला अस्पताल में नहीं खाली हो रहे बेड
जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में बेड नहीं खाली हो रहे। शनिवार को डायरिया पीड़ित 11 बच्चों को भर्ती किया गया था। रविवार को पहले से भर्ती सात बच्चों को छुट्टी दे दी गई, लेकिन आठ और बच्चों को भर्ती करना पड़ा। बच्चा वार्ड में बेड कम होने और लगातार बढ़ रहे डायरिया के प्रकोप के बीच जिला अस्पताल प्रशासन अन्य विकल्प तलाश रहा है। रविवार को जिला अस्पताल की ओपीडी बंद रही, लेकिन गंभीर मरीज इमरजेंसी में पहुंचते रहे।
सोमवार को ओपीडी में भी बच्चों की संख्या ज्यादा रहने की आशंका है। एडीएसआईसी डॉ. अलका शर्मा ने बताया कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। बच्चा वार्ड में 10 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई है। दवाओं की कोई कमी नहीं है। बाल रोग विशेषज्ञ की 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है। डायरिया पीड़ित बच्चों की संख्या ज्यादा है। अतिरिक्त बेडों के लिए भी विकल्प पर काम किया जा रहा है।
140 संदिग्धों की जांच, 16 मलेरिया की चपेट में
जिले में मलेरिया का हमला तेज हो गया है। रविवार को जिले के 71 स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित आरोग्य मेले में 4,260 मरीज पहुंचे। इसमें मलेरिया संदिग्ध 140 मरीजों की जांच की गई। 16 में मलेरिया की पुष्टि हुई। पेट व त्वचा संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की तादाद ज्यादा रही। 121 लोगों के आयुष्मान गोल्डन कार्ड भी जारी किए गए। 27 लोगों की हेपेटाइटिस की जांच और 57 का नेत्र परीक्षण किया गया। बुखार के 269 मरीज पहुंचे।
626 मरीज त्वचा रोगों से पीड़ित रहे। मलेरिया के मामले में जिला पहले से हाई रिस्क श्रेणी में शामिल है। ऐसे में अलर्ट जारी कर मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट को लगाया गया है। संवेदनशील गांवों में नियमित स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया गया है। सर्विलांस अधिकारी डॉ. अखिलेश्वर सिंह के अनुसार टीमें काम कर रही हैं। रोकथाम के सभी उपाय किए जा रहे हैं।