आतंकी संगठन आईएसआईएस के भारत प्रमुख हारिस फारुकी को एनआईए के बाद एटीएस भी रिमांड पर लेगी। उसके इशारे पर शाहनवाज ने गुजरात के कई शहरों की रेकी भी की थी।
असम पुलिस की गिरफ्त में आया आतंकी संगठन आईएस का भारत प्रमुख हारिस फारूकी सीरिया और इराक बार्डर पर आईएस के डिटेंशन सेंटर के लिए चंदा भी जुटा रहा था। इसमें उसकी मदद झारखंड का शाहनवाज और अलीगढ़ का प्रो. वजीहुद्दीन कर रहा था। हारिस ने यूपी और उत्तराखंड में बम धमाकों की साजिश भी रची थी, ताकि बाद में उसे सांप्रदायिक रंग दिया जा सके। हालांकि उसके मंसूबे सफल नहीं हुए और शाहनवाज की गिरफ्तारी के बाद उसे बांग्लादेश भागना पड़ा।
सूत्रों की मानें तो हारिस फारूकी ने हल्द्वानी रेलवे स्टेशन को निशाना बनाने के लिए आईईडी डिवाइस वाले बम का ट्रायल भी किया था। एटीएस को आशंका है कि बांग्लादेश भागने से पहले वह भारी मात्रा में विस्फोटक यूपी या उत्तराखंड में छिपाकर रखे थे। इसलिए एटीएस उसे रिमांड पर लेने की तैयारी में है।
आईजी एटीएस नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि एनआईए के बाद यूपी एटीएस भी उसे अपनी कस्टडी में लेगी। इसके बाद उसे अदालत की अनुमति से रिमांड पर लेकर अलीगढ़ मॉड्यूल के बारे में पूछताछ की जाएगी। बता दें कि इस दौरान शाहनवाज, वजीहुद्दीन आदि इस मॉड्यूल के बाकी सदस्यों के बयानों के आधार पर भी उससे पूछताछ की जानी है, जिससे पता लगाया जा सके कि यूपी के कौन-कौन से शहर उसके निशाने पर थे।
उधर, एनआईए की जांच में पता चला है कि हारिस के इशारे पर शाहनवाज ने गुजरात के कई शहरों की रेकी की थी। इसके बाद उसने पुणे के जंगलों में केमिकल बम का ट्रायल किया था। हारिस ने ही शाहनवाज को वजीहुद्दीन से मिलवाया था। अलीगढ़ छोड़ने के बाद उसने वजीहुद्दीन को अलीगढ़ मॉड्यूल का अमीर घोषित कर दिया था। इसके बाद वजीहुद्दीन छोटी सभाओं के जरिये युवाओं को जिहादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसा रहा था। उसने अब्दुल्ला अर्सलान के साथ यू-ट्यूब चैनल भी शुरू किया था, जिसमें उसके भड़काऊ भाषण थे।