लखनऊ में बुधवार दो बजे करीब अचानक तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। बारिश के साथ साथ बड़े बडे ओले भी गिरने लगे। अचानक शुरू हुई बारिश और ओलावृष्टि से सड़क पर चल रहे लोगों को बचने का भी मौका नहीं मिला। जैसे तैसे लोगों ने पेड़ों और दुकानों के शेड के नीचे छिपकर ओलों से राहत पाई। लगभग 15 से 20 मिनट तक ओले गिरे जिसकी वजह से ट्रैफिक की रफ्तार भी थम गई। लोगों ने तेज बारिश और ओले के फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर भी डालना शुरू कर दिया। मौसम विभाग के अनुसार बारिश का यह सिलसिला सात मार्च तक जारी रहेगा। आठ और नौ मार्च को मौसम ठीक रहेगा लेकिन 10 मार्च को फिर बदली और बारिश के आसार हैं। होली के दिन भी इस बार फुहारें भिगो सकती हैं।

मौसम में यह उठा-पटक पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हो रही है। पहाड़ी इलाकों में जहां बर्फबारी हो रही है, वहीं मैदानी इलाकों में भी बारिश हो रही है। बुधवार को सुबह से बादलों की आवाजाही लगी थी। दिन ढलते-ढलते आसमान को बादलों ने घेर लिया। तेज हवा के साथ कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश होने लगी। अमौसी, आशियाना के आसपास कई स्थानों पर ओले भी गिरे। कानपुर में भी तेज बारिश के साथ ओले गिरे। यहां 14.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। चुर्क में भी ओले गिरे। इसके अलावा झांसी, मेरठ, उरई, हमीरपुर में भी बारिश हुई। बुधवार को राजधानी में अधिकतम तापमान 30.1 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। वातावरण में नमी 94 फीसद रही।

दलहन और तिलहन के लिए नुकसानदेह
मौसम के बदले रुख से अन्नदाता की परेशानी बढ़ सकती है। कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर सीपी श्रीवास्तव बताते हैं कि खेतों में सरसों की फसल तैयार खड़ी है। इसके अलावा मटर, अलसी, मसूर भी खड़ी है। तेज हवा के साथ बारिश व ओले गिरने से दलहन तथा तिलहन फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। वहीं, गेहंू में बाली आ चुकी है। ओले पडऩे से इसे भी नुकसान पहुंच सकता है।
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