पांच दिवसीय ‘मेरी गंगा मेरी डॉल्फिन’ अभियान-2020 के समापन समारोह में मुहिम से जुड़े 24 टीम सदस्यों का सम्मान किया गया। प्रदेश के प्रधान प्रमुख वन्य जीव प्रतिपालक और मुख्य वन संरक्षक सुनील पांडे ने समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए गंगा नदी में रहने वाली डॉल्फिन के संरक्षण के लिए तीन महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।

उन्होंने ऐलान किया कि ”मेरी गंगा, मेरी डॉल्फिन”अभियान पूरे उत्तर प्रदेश में चलाया जाएगा। इसके अलावा डॉल्फिन टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा और डॉल्फिन मित्र बनाए जाएंगे। इस अभियान में उत्तर प्रदेश वन विभाग के सात मंडलों, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया और डब्ल्यूआइआइ के प्रतिनिधियों तथा गंगा मित्रों को शामिल किया गया था। इसके अलावा इस अभियान से स्थानीय समुदायों के 600 सदस्य भी जुड़े और 6500 से ज्यादा लोगों ने वर्चुअल माध्यमों से अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। करीब एक हफ्ते तक चले गंगा डॉल्फिन सर्वे के दौरान बिजनौर से नरोरा बैराज तक 188 किलोमीटर के प्रवाह क्षेत्र में डॉल्फिन की उत्साहजनक संख्या पाई गई।
ऑनलाइन कार्यक्रम में मेरठ प्रभाग के मुख्य वन संरक्षक एनके जानू ने कहा कि ”मेरी गंगा, मेरी डॉल्फिन”अभियान का मुख्य नतीजा यह भी रहा कि इससे वन विभाग और गंगा मित्रों की विशिष्ट जैव प्रजातियों के सर्वे करने की क्षमता में वृद्धि हुई है। मेरठ की प्रभागीय वन अधिकारी अदिति शर्मा ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि संरक्षण संबंधी सभी तरह की पहल में समुदायों की सहभागिता जरूर हो। बुलंदशहर के प्रभागीय वन अधिकारी गंगा प्रसाद ने कहा कि हमें समुदायों के साथ जुड़ाव बनाए रखते हुए गंगा डॉल्फिन के महत्व के बारे में उनकी समझ को और बेहतर बनाना होगा।
मुजफ्फरनगर के प्रभागीय वन अधिकारी सूरज ने कहा कि हमें उम्मीद है कि ऐसी सहभागिता से गंगा नदी और उसमें रहने वाले जीवो के संरक्षण के प्रयासों को और मजबूती मिलेगी। प्रधान प्रमुख वन्य जीव प्रतिपालक और मुख्य वन संरक्षक सुनील पांडे ने कहा कि गंगा में 41 डॉल्फिन की मौजूदगी एक उत्साहजनक संकेत है और अब हमारे पास एक बेसलाइन है, लिहाजा डॉल्फिन के लिए मौजूद तमाम खतरों को स्थानीय समुदायों की मदद से खत्म करने के प्रयासों को और तेज किए जाने की जरूरत है। 2015 में गंगा में 22 डॉल्फिन पाई गई थीं।
एपीपीसीएस (ईको डेवलपमेंट) संजय श्रीवास्तव ने कहा कि संरक्षण संबंधी पहल को मजबूत करने के लिए हस्तिनापुर वन्य जीव विहार और अपर गंगा नरोरा की प्रबंधन योजनाओं में गंगा रिवर डॉल्फिन संरक्षण के विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया के सीईओ और महासचिव रवि सिंह ने कहा कि भविष्य में प्रोजेक्ट डॉल्फिन के संदेश को दूर-दराज के गांवों, खासकर उत्तर प्रदेश में गंगा तट के नजदीक बसे गांवों तक पहुंचाने में भी इससे बहुत मदद मिलेगी।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal