UP के कोआपरेटिव बैंक भर्ती घोटाले में तीन और अधिकारी को बर्खास्त किया,

अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल के दौरान भर्ती के घोटालों को लेकर बेहद सख्त सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बेहद तेज कार्रवाई हो रही है। उत्तर प्रदेश सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाले को लेकर बीते गुरुवार को लखनऊ में केस दर्ज कराया गया था। इसी क्रम में सोमवार को तीन बड़े अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।

सहकारिता विभाग में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक में अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल के दौरान सहायक प्रबंधक के पद पर भर्ती के दौरान अनियमितता के मामले में केस दर्ज होने के बाद अब अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है। उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक भर्ती घोटाले में तीन और अधिकारियों को सोमवार को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित होने वालों में उप महाप्रबंधक दिलीप कुमार प्रसाद, उप महाप्रबंधक शैलेश यादव और सहायक महाप्रबंधक सिद्धार्थ श्रीवास्तव हैं।

इससे पहले बहुचर्चित सहकारिता विभाग भर्ती घोटाले में सात नामजद आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ के दोषी अफसरों के विरुद्ध केस दर्ज करने की अनुमति मिलने के बाद विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने यह कार्रवाई की है। एसआइटी ने प्रकरण में बीते दिनों अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी।

एसआइटी की जांच में उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक के तत्कालीन प्रबंध निदेशक हीरालाल यादव व रविकांत सिंह के अलावा उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवामंडल के तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव, सचिव राकेश कुमार मिश्र व सदस्य संतोष कुमार श्रीवास्तव के साथ संबंधित भर्ती कराने वाली कंप्यूटर एजेंसी एक्सिस डिजिनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के कर्मी राम प्रवेश यादव दोषी पाए गए थे। इन सभी पर अब एफआइआर दर्ज कर ली गई है। इसके अलावा उत्तर प्रदेशकोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड तथा उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवामंडल की प्रबंध समिति के अन्य अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध भी धोखाधड़ी व षड्यंत्र समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक (सामान्य) तथा सहायक प्रबंधक (कंप्यूटर) की वर्ष 2015-16 तथा प्रबंधक व सहायक और कैशियर के पदों पर 2016-17 में की गई भॢतयों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। सपा शासनकाल में वर्ष 2012 से 2017 के मध्य उप्र सहकारी भूमि विकास बैंक, उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम व उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में भर्ती के 49 विज्ञापन जारी हुए थे, जिनमें 40 विज्ञापन के तहत भर्ती की प्रक्रिया पूरी की गई थी। प्रबंधक, उप महाप्रबंधक, सहायक प्रबंधक, सहायक शाखा आंकिक, सहायक फील्ड आफिसर, सहायक प्रबंधक (कंप्यूटर), वरिष्ठ शाखा प्रबंधक व लिपिक के 2343 पदों पर भर्ती हुई थी।

भाजपा सरकार ने अलग-अलग पदों पर हुई भर्ती में धांधली की शिकायतों पर पूरे प्रकरण की जांच एसआइटी को सौंपी थी। इनमें एक अप्रैल, 2012 से लेकर 31 मार्च, 2017 तक सहकारिता विभाग में सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के जरिये की गईं सभी भॢतयों के अलावा कोऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक के पदों पर की गई नियुक्तियों की जांच भी शामिल थी। एसआइटी ने सहायक प्रबंधक के पदों पर की गई भॢतयों की जांच पूरी कर बीते दिनों अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। शासन ने अब उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड तथा उप्र सहकारी संस्थागत सेवामंडल, लखनऊ की तत्कालीन प्रबंध समिति के अधिकारियों व कर्मचारियों समेत सात आरोपियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने की अनुमति दे दी थी, जिसके बाद केस दर्ज किया गया। 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com