मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार सुबह बदरीनाथ धाम पहुंचे। मंदिर में पूजा-अर्चना कर उन्होंने भगवान बदरीविशाल का आशीर्वाद लिया। सीएम ने धाम में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों का निरीक्षण भी किया। तीर्थ पुरोहितों से मुलाकात की और हक-हकूक धारियों के साथ संवाद स्थापित किया।
स्थानीय दुकानदारों से भी भेंट कर हालचाल जाना। सीएम धामी ने कहा कि इस बार की यात्रा अपने अंतिम चरण में है। सभी ने बहुत संतोष व्यक्त किया है, यात्रा बहुत अच्छी तरह संपन्न हुई है। कपाट बंद होने में अभी चार दिन का समय बाकी है, फिर भी भगवान बद्री विशाल के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आ रहे हैं।
बुजुर्ग और मातृशक्ति के प्रति सम्मान भी दर्शाया
इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अगस्तयमुनि के स्यालसौड़ में आयोजित अनुसूचित जाति स्वाभिमान सम्मेलन में हर उम्र के वर्ग को छूने की कोशिश की, जिसमें वह सफल भी रहे। बच्चों से दुलार तो बड़ों से स्नेह के साथ मिले। साथ ही बुजुर्ग और मातृशक्ति के प्रति सम्मान भी दर्शाया।
मुख्यमंत्री ढोल-दमाऊं वादकों से मिले और उनकी कुशलक्षेम पूछी। साथ ही उन्हें लोक संस्कृति के संरक्षण में किए जा रहे कार्य के प्रति धन्यवाद भी दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्वयं ढोल को अपने कांधों पर रखा और कुछ देर तक थाप भी दी, जिसे देखकर अन्य लोग भी खुशी से गदगद हो गए।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं। भ्रमण के दौरान सुबह की सैर पर ढाबे में चाय की चुस्की हो या फिर महिलाओं के साथ बैठक गोबर के दिए बनान सहित अन्य कार्यों ने उन्हें अलग पहचान दी है। इसका परिचय उन्होंने अगस्त्यमुनि में भी दिया।
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