ऊधम सिंह नगर जिले के छह तस्करों ने वन विभाग का चैन छीना है। इन छह तस्करों पर ही वन अधिनियम, वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट से लेकर आईपीसी में 239 मुकदमे दर्ज हैं। मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं ने इन तस्करों पर दर्ज केस, वाहन से लेकर उनसे जुड़ी डिटेल को प्रमुख वन संरक्षक को भेजा है।
पत्र में इन अपराधियों पर उत्तर प्रदेश गिरोह बंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम व अन्य सुसंगत धाराओं में इन वन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस को प्रकरण प्रेषित करने का अनुरोध किया है, यह पत्र शासन में भी पहुंचा है।
मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं ने ऊधम सिंह नगर जिले के छह वन अपराधी इकबाल सिंह ऊर्फ परमजीत सिंह (वन अधिनियम, वाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट और अन्य अपराध समेत 42 मुकदमे), सर्वजीत सिंह (वन अधिनियम और अन्य अपराध समेत 21 मुकदमे दर्ज), संगत सिंह (वन अधिनियम व अन्य अपराध समेत 57 मुकदमे), गुरमीत सिंह (वन अधिनियम और अन्य अपराध समेत 43 केस), गुरदास सिंह (वन अधिनियम और अन्य अपराध समेत 35 केस), जोगेंद्र सिंह (वन अधिनियम और अन्य अन्य अपराध समेत 41 केस) के वन अपराध के साथ पुलिस में दर्ज में मुकदमों की जानकारी भेजी है। इसके अलावा बताया कि इसमें अपराधियों के पास भार वाहन से लेकर एसयूवी तक है। इसके अलावा वे चोरी की बाइक का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। यह संगठित तौर वन अपराधों को अंजाम दे रहे है।
रोकने पर गोलाबारी करते हैं
पत्र में कहा गया है कि तस्कर इतने बेखौफ हैं कि जब वन विभाग की टीम इनको रोकने का प्रयास करती है तो वह टीम पर गोलाबारी करने लगते हैं। इसके अलावा बलपूर्वक वन विभाग से पकड़े गए वाहन और वन उपज को छुड़ा ले जाते हैं। वन विभाग ने संबंधित अपराधियों के परिवार के अन्य कौन से सदस्य अवैध पातन में लिप्त होने, उनकी संपत्ति आदि का भी ब्यौरा दिया है।
एक साल में वन कर्मियों पर हुए कई हमले
मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं ने एक साल में तराई पश्चिम, तराई केंद्रीय और रामनगर वन प्रभाग में वन कर्मियों पर हुए हमले का भी ब्यौरा दिया है। इसमें बताया गया है कि पिछले साल सितंबर से 18 अगस्त तक वन विभाग की टीम पर 17 बार हमले हुए हैं। इसके अलावा इस महीने भी वन कर्मियों पर अपराधियों ने हमला बोला है।
अभी छह अपराधियों की डिटेल को भेजा गया है। इन अपराधियों पर वन अधिनियम में मुकदमे दर्ज हैं, इसके अलावा पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया हुआ है। इसमें जानलेवा हमले, आर्म्स एक्ट के के मुकदमे तक हैं। यह संगठित तौर पर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। इसके अलावा अन्य तस्करों की भी सूची को तैयार किया जा रहा है। पीसीसीएफ को पत्र भेजकर इन पर पुलिस के माध्यम से कार्रवाई का अनुरोध किया गया है। जिले स्तर पर भी कार्रवाई की जा रही है। – धीरज पांडे, मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं